अजय चंद्राकर ने भूपेश बघेल से कहा- टेस्टोस्टेरोन टेस्ट कराएं, शराब ऐप पर सियासी बयानबाजी तेज

By : dineshakula, Last Updated : November 16, 2024 | 12:16 pm

रायपुर: छत्तीसगढ़ में शराब के सरकारी ऐप ‘मनपसंद’ (manpasand) के लॉन्च के बाद से सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। इस ऐप को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई है। चंद्राकर ने बघेल को तंज कसते हुए कहा कि अगर वह मर्दों जैसी राजनीति नहीं कर सकते तो अपना टेस्ट करवा लें।

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर अजय चंद्राकर के कुछ वीडियो शेयर किए, जिनमें चंद्राकर शराब पीने की बात कर रहे थे। बघेल ने इन वीडियो के जरिए चंद्राकर पर निशाना साधा और उनके पुराने बयानों को उजागर किया। चंद्राकर ने इस वीडियो को एडिटेड बताया और इसका विरोध किया।

 

भूपेश बघेल ने ‘मनपसंद’ ऐप को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह इस ऐप के जरिए शराब खरीदारी को सरल बनाने की बात कर रहे थे। चंद्राकर ने बघेल के इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में अवैध शराब का गोरखधंधा हुआ था और बघेल को इसका स्पष्टिकरण देना चाहिए। चंद्राकर ने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकार शराबियों की सरकार थी, जो अवैध शराब बेचने में शामिल थी।

 

इसके बाद बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने भी इस मामले में मोर्चा संभाला। उन्होंने भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें कम से कम अपनी पार्टी के गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के दौरान शराब के दो काउंटर चलते थे— एक वैध और दूसरा अवैध, और कांग्रेस ने सरकारी खजाने को लूटकर राजस्व की हानि की। श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि बीजेपी अब चाहती है कि शराब की बिक्री पूरी तरह से वैध, पारदर्शी और ऑनलाइन हो।

श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि जब कोरोना के दौरान लोग मर रहे थे और दवाइयों की कमी थी, तब भूपेश बघेल सरकार घर-घर शराब पहुंचाने का काम कर रही थी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने गंगाजल की सौगंध खाकर शराबबंदी का वादा किया था, लेकिन बाद में उससे मुकर गए।

इस विवाद के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकारी दफ्तरों में कामकाज की मॉनिटरिंग के लिए कोई ऐप नहीं है, लेकिन शराब के लिए ऐप बना दिया गया है। बैज ने आरोप लगाया कि बीजेपी शराब की काली कमाई के लिए राज्य में शराब की खपत बढ़ाने में लगी है।

बैज ने यह भी सवाल उठाया कि बीजेपी अब शराबबंदी के मुद्दे पर अपना स्टैंड स्पष्ट क्यों नहीं करती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 100 से अधिक शराब की दुकानों को बंद किया था और कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य में शराब की खपत गोवा के बाद सबसे कम हो गई थी, लेकिन अब बीजेपी ने शराब की खपत को बढ़ावा दिया है।

बैज ने इसके अलावा यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने शराब के अहातों के लिए घोटाले किए हैं और भाजपा नेताओं की सिफारिश पर इन अहातों को आवंटित किया गया। उन्होंने मुंगेली और राजनांदगांव में आबकारी निरीक्षकों के भ्रष्टाचार के वीडियो का हवाला देते हुए भाजपा सरकार पर घोटाले करने का आरोप लगाया।

इस पूरे विवाद ने छत्तीसगढ़ में शराब के व्यापार, शराबबंदी और सरकार की नीतियों को लेकर सियासी माहौल को और गरमा दिया है।