छत्तीसगढ़। जब आप कुछ लीक से अलग हटकर करने की सोचते हैं। अगर उसे कर गुजरे तो वह समाज के लिए एक मिसाल बन जाती है। आपने शादियां बहुत देखी होगी, लेकिन यहां जगदलपुर में एक ऐसी अनूठी शादी हुई। जिसकी चर्चा अब पूरे प्रदेश में हो रही है। कहते हैं कि जब हमारे आसपास का वातावरण शुद्ध होने पर लोगों का जीवन खुशहाली में बीतता है। इस मूल मंत्र को एक जोड़े ने भी अपना लिया और एक-दूसरे के साथ अग्नि के सात फेर लेकर जहां जीवन बीतने की कसमें खाई। वहीं सात वचन स्वच्छता के लेकर वे आज प्रदेश और समाज के लिए एक नजीर बन गए। यह अनूठी शादी जगदलपुर शहर के वृंदावन हाल में हुई। जहां दूल्हा डा. अक्षय व दुल्हन डा. साक्षी ने ढाई हजार मेहमानों के साथ स्वच्छता के सात वचन लिए।
दरअसल, दूल्हा डा. अक्षय के पिता डा. डीके पराशर की ओर से स्वच्छता को लेकर चलाए जाने वाले अभियान से बहुत प्रभावित हैं। पराशर स्वयं बतौर स्वच्छता दूत नगर निगम के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं। वे कहते हैं कि दूसरों को सलाह देने से पहले उस पर खुद अमल करना बहुत जरूरी है। डा. अक्षय व डा. साक्षी ने बताया, स्वच्छता के क्षेत्र में पिता डा. पराशर नगर निगम के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं। इससे उन्हें प्रेरणा मिली। जगदलपुर शहर के स्वच्छता में नवाचार में देश में दूसरे स्थान पर आने से वे गर्वित थे। उनकी इच्छा है कि अब देश में स्वच्छता के पैमाने में भी शहर की पहचान बने। इसलिए शादी का रिसेप्शन स्वच्छता की थीम पर करने की इच्छा उन्होंने घर वालों के सामने रखी थी, जिसमें घरवालों का भी साथ मिला। अब इस समारोह के जारिए स्वच्छता का यह संदेश लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
इस समारोह की खास बात यह रही कि इसमें सजावट के लिए आर्टिफिशियल नहीं बल्कि असली फूलों व पौधों की पत्तियों का उपयोग किया गया। सिंगल यूज प्लास्टिक, गिलास, बोतल आदि का उपयोग बिल्कुल नहीं किया गया। उपहार लेकर आने वालों को प्रवेश द्वार के पास ही कपड़े की थैलियां उपलब्ध कराई गईं। साथ ही उनसे प्लास्टिक का उपयोग बंद करने का आग्रह किया गया। इस दौरान उनसे भोजन बर्बाद न करने का अनुरोध भी किया गया। खाना बर्बाद न हो, इसके लिए एनजीओ से स्टांप पेपर पर अनुबंध भी किया है। बचा खाना शहर में संचालित हो रहे रोटी बैंक को निश्शुल्क दिया जाएगा, जो गरीबों को बांटा जाएगा।
१. सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करूंगा।
२. बाजार से सामान लाने के लिए कपड़े के बैग का उपयोग करूंगा।
३. घर से सूखा व गीला कचरा अलग-अलग कर निपटान के लिए नगर निगम को दूंगा।
४. घरेलू कचरे को खुले में नहीं फेंकूंगा।
५. घर के बाहर कूड़े के निपटान के लिए डस्टबीन का उपयोग करूंगा।
६. घरेलू व सामाजिक समारोह को जीरो वेस्ट थीम पर करूंगा।
७. स्वच्छता के लिए एक व्यक्ति को जागरूक करने की जिम्मेदारी लूंगा।