त्रिपुरा में गरजे ‘अमित जोगी’, कहा, आदिवासी ‘समाज है सत्ता की कुंजी’

By : madhukar dubey, Last Updated : February 13, 2023 | 11:16 pm

त्रिपुरा /छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ राज्य की एक मात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय राजनीतिक दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी (Amit Jogi) आज त्रिपुरा राज्य पहुंचकर त्रिपुरा की क्षेत्रीय पार्टी टिपरा मोथा पार्टी (TIPRA) के पक्ष में जोरदार प्रचार किया चुनावी सभा को संबोधित करते हुए टीएमटी को जिताने और टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देब बर्मा के हाथ में सत्ता सौंपने के लिए नागरिकों से अपील की। इस दौरान अमित जोगी ने कहा त्रिपुरा में नई समीकरण के साथ नई पार्टी टीएमटी सरकार बनाने जा रही है।

राजपरिवार के वंशज TIPRA पार्टी प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा में अमित जोगी ने किया चुनाव प्रचार

त्रिपुरा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य राज परिवार के वंशज है जिन्होंने पूरे जीवन त्रिपुरा राज्य के सेवा में बिताया है इस राज्य में विशेषकर आदिवासियों की बहुलता है जो कि सत्ता की कुंजी है जिनके आशीर्वाद से टीएमटी चुनाव जीत दर्ज करेगी और त्रिपुरा में टीएमटी की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा मैं अमित जोगी त्रिपुरवासियों को प्रणाम करता हूं। हमारे प्रद्युत भाई, के लिए इतना ऐतिहासिक समर्थन और प्यार देख के ये विश्वास के साथ कहता हूं कि बुबागरा से दिल्ली डरा, त्रिपुरा wants टिपरा, बुबागरा से दिल्ली डरा, त्रिपुरा wants टिपरा।

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कहा, मेरे पिता और छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी ने आज से 20 साल पहले यानि 2003 में इसी फरवरी माह की 22 तारीख को कहा था कि त्रिपुरा राज्य का विकास और भविष्य तभी संभव है, जब त्रिपुरा राज्य के लोगों के हाथों में त्रिपुरा को आगे बढ़ाने की कमान होगी।

कहा मैं त्रिपुरवासियों को केवल इतना कहूँगा कि वो एक बार, केवल एक बार, पीछे मुड़ कर देखें और सोचें कि दिल्ली के हाथों में अपनी किस्मत दे के उन्हें अब तक क्या मिला ? क्या मिला।।।।कुछ नही मिला….मिला केवल धोखा। हाथ ने थप्पड़ मारा, फूल ने fool बनाया और सिकल ने गला कांटा ।।।।सही है कि नही? …क्या फिर अगले पांच साल यही करना है या फिर अपने और त्रिपुरा के भविष्य के बारे में सोचना है।

बोले, प्रद्युत भाई जो लड़ाई लड़ रहे हैं वो किसलिये लड़ रहे हैं। मैं आपसे पूछता हूँ, और आप घर जाकर अपने पड़ोसियों से पूछिये और उन्हें बताईये कि “त्रिपुरा के हित का फैसला, त्रिपुरा के लोगों द्वारा ही , त्रिपुरा में लिया जाना चाहिए न कि दिल्ली में” ये सोच गलत है क्या ? मेरे त्रिपुरा के युवा साथी या किसान या मजदूर का फैसला दिल्ली में बैठा नेता लोग नही लेगा। ये मॉडल त्रिपुरा को कभी विकसित नही होने देगा। त्रिपुरा के हित का फैसला, त्रिपुरा में होना चाहिये, त्रिपुरवासियों के द्वारा।

कहा, मैं आपसे केवल इतना कहना चाहता हूँ कि 16 फरवरी को जो आप फैसला लेंगे वो आपके 5 साल नही बल्कि आने वाले 50 साल पर असर करेगा। इसलिये एक मौका इस बार अपने टिपरा, अपने मणिकया ,अपने बुबागरा को दीजिये और त्रिपुरा का भविष्य , त्रिपुरा के पास रहने दीजिए।

लगवाए नारे मेरे साथ जोर से बोलिए

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