रायपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं, जो नक्सलवाद के खिलाफ देश की लड़ाई में एक और निर्णायक कदम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान शाह सुरक्षा, विज्ञान और जमीनी रणनीति से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
अपने दौरे की शुरुआत में शाह ने नवा रायपुर के सेक्टर-2 में देश की सबसे हाईटेक फॉरेंसिक लैब और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के कैंपस की आधारशिला रखी। यह यूनिवर्सिटी फॉरेंसिक विज्ञान, अपराध अनुसंधान और खोजी मनोविज्ञान जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगी। इस पहल से छत्तीसगढ़ को वैज्ञानिक जांच के क्षेत्र में एक नई दिशा मिलेगी।
इसके बाद शाह नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के DGP और ADGP के साथ नक्सल ऑपरेशन की रणनीति पर एक उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। इस अहम बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी शामिल होंगे। बैठक में राज्य सरकार की “सरेंडर और पुनर्वास नीति” पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी, जिसे केंद्र सरकार पहले ही सकारात्मक संकेत दे चुकी है।
शाम को अमित शाह रायपुर में रात्रि विश्राम करेंगे और 23 जून को बस्तर के अबूझमाड़ क्षेत्र का दौरा करेंगे। यह क्षेत्र लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है। यहां वे स्थानीय ग्रामीणों से सीधा संवाद करेंगे, साथ ही BSF के जवानों के साथ बैठक कर उनके अनुभव जानेंगे और उनके साथ लंच करेंगे। यह संवाद ऑपरेशन के फील्ड रिव्यू और जवानों के मनोबल को बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
अमित शाह का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है। आंकड़ों की मानें तो भाजपा सरकार के गठन के बाद से अब तक 427 नक्सली मारे जा चुके हैं, और पिछले 3 महीनों में 350 से अधिक मुठभेड़ें हुई हैं।
अप्रैल में शाह ने बस्तर के पंडुम उत्सव में भाग लेकर ऑपरेशन की समीक्षा की थी, और अब यह दौरा यह स्पष्ट करता है कि केंद्र और राज्य की संयुक्त रणनीति अब अंतिम मोड़ पर पहुंच चुकी है।