छत्तीसगढ़ में फूटा एक और मनी लांड्रिंग का मामला, पूर्व डीजीएम समेत 9 के खिलाफ एफआईआर
By : madhukar dubey, Last Updated : October 21, 2024 | 8:45 pm
ईडी के मुताबिक, तोमर बिलों को पास करने के एवज में 8 प्रतिशत कमीशन की दर से रिश्वत लेता था। ईडी ने छापेमार कार्रवाई कर राज्य विपणन निगम लिमिटेड के तत्कालीन डीजीएम नवीन प्रताप सिंह तोमर के कार्यालय से नगदी 28 लाख 80 हजार रुपए जब्त किया था। ईडी ने अब आरोपी नवीन प्रताप सिंह तोमर तत्कालीन डीजीएम, बीआर लोहिया, अजय लोहिया, प्राइवेट व्यक्ति अभिषेक कुमार सिंह, तिजउराम निर्मलकर, नीरज कुमार, देवांश देवांगन, जितेन्द्र कुमार निर्मलकर, लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा के खिलाफ एसीबी/ईओडब्ल्यू में नामजद मामला दर्ज कराया है।
ये है पूरा प्रकरण
ईओडब्लयू के मुताबिक, ईडी के जांच निष्कर्षों से पता चलता है कि नवीन प्रताप सिंह तोमर भ्रष्ट आचरण में लिप्त हैं। जिनके द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं का उल्लंघन किया गया है। अधिकारी ने अवैध आर्थिक लाभ अर्जित करने के लिए एक लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है। इस भ्रष्टाचार रैकेट में सीएसएमसीएल के और वरिष्ठ अधिकारीयों के संलिप्त होने की भी आशंका जताई जा रही है। कुछ और टेंडरों और आपूर्तिकर्ताओं के विवरण मिले हैं, जिन्हें जमा बिल राशि का 8 प्रतिशत की दर से रिश्वत देने के लिए मजबूर किया गया था।