CM निवास घेराव में गरजे अरुण साव!, वीर रस की कविताओं से कांग्रेस पर वार
By : madhukar dubey, Last Updated : June 19, 2023 | 5:02 pm
सलेक्शन का जो रेट भूपेश बघेल ने रखा है उतना पैसा प्रदेश के कई गरीबों के पास नही:अरुण साव
साव ने कहा अरे सब तो बेच कर खा गए, शराब घोटाला किया, सिमेंट-कोयला आयरन पैलेट्स खा गए, मोदी जी द्वारा दिए जा रहे गरीबों के मुंह का निवाला तक छीन लिया 5 हजार करोड़ से अधिक का चावल घोटाला कर लिया, डीएमएफ खा गए, मनरेगा खा गए, गोठान खा गए. कोरोना सेंस की रकम डकार गए, मजदूरों के हित का पैसा खा गए, पंचायतों को खा गए, गोमाता के नाम पर घोटाला कर लिया, युवाओं का भत्ता, रोजी-रोज़गार सब खा गए, कैसी भूख है तुम्हारी भाई जो शांत ही नहीं होती। सब कुछ खा जाने के बाद भी पेट नहीं भरा तो प्रदेश के लाखों युवाओं के सपने तक बेच कर खा गए। बेटी-दामाद, भाई भतीजा सबको रेबड़ी की तरह बांट दिया सारे पद क्या तुम्हारी जायदाद थी ये जिसे अपने दलालों में बांट दिया? राहुल-प्रियंका का एटीएम बनने की हवस में, ढाई वर्ष अधिक मुख्यमंत्री रह लेने की क्रीमत क्या-क्या उसे देकर चुकाओगे भूपेश जी? याद रखो…. ये युवा तरुणाई देख रहे हो, यह समुद्र देख रहे युवाओं का, उखाड़ कर फेक देंगे ये तुम्हें। तुमने हमेशा इन युवाओं की ताकत को कम करके आंका है। अरे बड़े बड़ों को छक्के छुड़ाए हैं इस युवा शक्ति ने तुम क्या हो। वादखिलाफ, विश्वासघाती, लबरा…..
श्री साव ने कहा लोग कहते हैं बदलता है ज़माना सब को हम तो वो हैं जो जमाने को बदल देते हैं
क्या आपने किसी भी कोचिंग संस्थान को इस बार इन नियुक्तियों का श्रेय लेते देखा है? जबकि जब भी इन परीक्षाओं के रिजल्ट आते हैं तो कोचिंग संस्थान बड़े-बड़े विज्ञापन देते हैं कि सफल छात्रों ने उनके यहां तैयारी जी थी।
कहा-मित्रों आज लड़ाई वोट और सत्ता की नहीं..
– युवा तरुणाई के भविष्य की है!
– युवाओं के आत्म सम्मान की है!
– लाखों माता-पिता के सपनों की है।
अब हवाएं ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला
जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा
पक गई हैं, आदतें बातों से सर होंगी नहीं
कोई हंगामा करो ऐसे गुज़र होगी नहीं
पांच लाख नौकरी का झूठ बोला जबकि विधानसभा में कहना पड़ा कि मुट्ठी भर युवाओं को ही नौकरी दे पाए हैं। दस लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के वादे से मुकर गयी सरकार। शून्य प्रतिशत रोजगार का दावा अपनी ख़रीदे हुई एजेंसी से करते रहे जबकि 95 पदों के विरुद्ध ढाई लाख लोगों ने आवेदन किया।
अभी फिर मुट्ठी भर पद निकाला है सरकार ने जिसमें कई लाख छत्तीसगढ़ी बेरोजगार युवाओं ने आवेदन किए हैं। अगर सबको रोज़गार है तो ये लोग कौन हैं?
प्रदेश में 26 हजार से अधिक लोगों ने आत्महया किया है जिसमें अधिकांश युवा थे जिन्होंने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की है। संदर्भ : वर्ष 2019 वर्ष 2023 तक छत्तीसगढ़ की सभी भर्तियां विवादों में रही हैं। हर मामला कोर्ट में गया है। वर्ष 2019-20 में आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा में प्रदेश के सर्वोच्च पद की आसंदी पर
विराजित व्यक्ति की पुत्री हेतु विषय के नियमों में बदलाव कर उसे नौकरी दी गयी। वर्ष 2019-20 में आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा में प्रदेश के कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन मंत्रियों एवं अधिकारियों के सम्बन्धियों की नियुक्तियां हुई। वर्ष 2019 से छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग के राज्य सेवा परीक्षा सम्बन्धी नियमों में संशोधन कर मॉडल उत्तर के दावा आपति के पश्चात जारी होने वाले संशोधित उत्तर को बंद कर सीधे अंतिम परिणाम के समय जारी करने का नियम बनाया गया, जो छात्रों के मानसिक अवसाद का कारण बना। इसी बीच कई विद्यार्थियों ने आत्महत्या जैसे कदम उठाये है।
पिछले दिनों छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2021 का अंतिम परिणाम जारी किया गया जिसकी सूची जारी होने के पश्चात ही मेरिट सूची में शामिल अभ्यर्थियों के चयन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हुआ है। चयन सूची में आयोग के अध्यक्ष के पुत्र का नाम बिना उपनाम के शामिल है, प्रदेश के प्रमुख अधिकारी जनों के पुत्र-पुत्रियां, निजी पार्टी के नेता के बेटी- दामाद का चयन भी प्रथम 20 लोगों की सूची में शामिल होना संदेह की स्थिति उत्पन्न करता है।
भाजयुमो की मांग :-
1. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2021 परिणाम को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और परीक्षा दोबारा आयोजित की जाए।
2. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2021 की राज्य सेवा परीक्षा परिणाम की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
3. आयोग के अध्यक्ष को तत्काल निलंबित किया जाए।
4. आयोग के सचिव और परीक्षा नियंत्रक को भी तत्काल निलंबित करते उच्च न्यायालय के जज से जांच शुरू करवाई जाए। हुए रिटायर्ड
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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