विधानसभा सत्र : किसानों, गरीबों और मजदूरों का विकास हमारी प्राथमिकता : मंत्री बघेल

By : madhukar dubey, Last Updated : March 10, 2025 | 7:36 pm

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने की गारंटी को किया पूरा

–मंत्री  बघेल के विभागों के लिए 9 हजार 362 करोड़ रूपए अनुदान मांगे पारित

–राज्य के 72.29 लाख प्राथमिकता वाले राशनकार्डधारियों को 2028 तक मिलेगा निःशुल्क चावल

–फोर्टिफाईड चावल से कुपोषण दूर करने किया जा रहा निरंतर प्रयास

–पिछले वर्ष 4.73 लाख नए राशनकार्ड जारी किए गए तथा 6.13 लाख नए सदस्यों का नाम जोड़ा गया

–बस्तर और सरगुजा संभाग के 25 लाख से अधिक परिवारों को प्रतिमाह 5.8 लाख मीट्रिक टन चना का वितरण

 

रायपुर, 10 मार्च 2025/ छत्तीसगढ़ विधानसभा(Chhattisgarh Assembly) में चर्चा के बाद आज खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल दास बघेल के विभागों से संबंधित 9,362 करोड़ रूपए की अनुदान(Grants worth Rs 9,362 crore related to departments) मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी गई। चर्चा में विधायक  अजय चंद्राकर,  पुन्नूलाल मोहले,  भावना बोहरा,  गोमती साय,  सुशांत शुक्ला और  राजेश मूणत ने हिस्सा लिया।

खाद्य मंत्री  दयाल दास बघेल ने अपने विभागों की अनुदान मांगों की चर्चा के जवाब में कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। हमारी सरकार किसानों, गरीबों सहित सभी वर्गाें के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने सदन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी को मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने पूरा करते हुए पंजीकृत किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान की खरीदी की है। इस खरीफ सीजन में 25 लाख 49 हजार 592 पंजीकृत किसानों से 149.25 लाख मेट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की गई है, जो राज्य बनने के बाद से अब तक की सर्वोच्च खरीदी है। धान खरीदी की एवज में इन किसानों को समर्थन मूल्य के तहत 34 हजार 348 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है।

मंत्री  बघेल ने बताया कि इस साल किसानों ने पिछले वर्ष की तुलना में 77 हजार 151 अधिक धान बेचा है। वहीं 04 लाख 32 हजार टन से अधिक धान की खरीदी की गई है। वहीं पिछले साल की तुलना में 28 लाख 76 हजार रकबा का धान किसानों द्वारा बेचा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित 2739 धान खरीदी केंद्रों में किसानों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के द्वारा धान खरीदी की गई। अधिकांश किसानों को धान बेचने के 72 घंटे के भीतर उनके खाते में धान की राशि का भुगतान किया गया। उन्होंने बताया कि धान के अवैध परिवहन तथा समितियों में बोगस विक्रय को रोकने के लिए जांच दल गठित कर निरंतर कार्यवाही की गई। इस दौरान 1317 प्रकरण दर्ज कर 69,251 क्विंटल धान तथा 221 वाहनों को जप्त किया गया।
मंत्री  बघेल ने सदन में कहा कि इस वर्ष रिकार्ड धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मीलिंग के माध्यम से धान के त्वरित निराकरण की कार्यवाही भी की जा रही है। इस खरीफ सीजन में खरीदे गए 149.25 लाख मीट्रिक टन धान में से 98.37 लाख मीट्रिक टन याने 66 प्रतिशत धान का कस्टम मीलिंग के लिए उठाव हो चुका है।

मंत्री बघेल ने सदन में कहा कि खाद्य विभाग आम जनता से जुड़ी हुई विभाग है। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली हमारी सरकार प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शीं सोच कि कोई भी गरीब भूखा न सोए, इस संकल्पना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध कोरोना काल में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरूआत कर गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया, जिसका लाभ राज्य के ढाई करोड़ से अधिक परिवारों को मिला। इस योजना को बढ़ाकर दिसंबर 2028 तक कर दिया गया है। राज्य सरकार भी योजना को निरंतरता प्रदान करते हुए राज्य के सभी गरीब, अंत्योदय तथा प्राथमिकता वाले 72 लाख 29 हजार राशनकार्डधारियों को दिसंबर 2028 तक निःशुल्क चावल वितरण का निर्णय लिया है, इससे राज्य के इन परिवारों को वर्ष 2028 तक अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि देश में कुपोषण की समस्या की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने फोर्टिफाईड चावल वितरण का निर्णय लिया है। ताकि स्वास्थ्य सूचकांक में बेहतर प्रदर्शन कर सके। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्यान्ह भोजन तथा पूरक पोषण आहार योजना के हितग्राहियों में एनिमिया एवं पोषक तत्वों की कमियों को दूर करने के लिए पोषक तत्वों से युक्त फोर्टिफाईड चावल का वितरण किया जा रहा है। इसमें आयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन बी-12 आदि भरपूर मात्रा में होता है। यह कुपोषण को दूर करने में कारगर साबित हो रहा है।

मंत्री  बघेल ने बताया कि सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए बस्तर और सरगुजा आदिवासी विकासखण्डों के गरीब परिवारों को रियायती दर पर 02 किलो चना प्रदान किया जा रहा था। इसका दायरा बढ़ाकर माढ़ा क्षेंत्रों को शामिल किया गया। वर्तमान में 25 लाख से अधिक परिवारों को प्रति माह 5800 मीट्रिक टन चना वितरण किया जा रहा है। इसके लिए बजट में 400 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही अमृत मिशन योजना के तहत अंत्योदय, निराश्रित तथा बीपीएल राशनकार्डधारियों को प्रतिमाह आयोडिन युक्त नमक प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

मंत्री  बघेल ने सदन में बताया कि राज्य में पीडीएस की अधोसंरचना के विस्तार के लिए 136 नए उचित मूल्य की दुकानें खोली गई, जिससे हितग्राहियों को सुगमता से राशन सामग्री प्राप्त हो रही है। इसके साथ ही 500 से अधिक राशनकार्ड होने पर दुकानों को विघटन कर नई राशन दुकान प्रारंभ करने का प्रावधान किया गया है। ताकि नए-नए स्व-सहायता समूह-समितियों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।

उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान 4 लाख 73 हजार नए राशन कार्ड जारी किए गए हैं तथा 6 लाख 13 हजार नए सदस्यों के नाम राशनकार्डों में जोड़े गए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में संचालित 13 हजार 907 उचित मूल्य की दुकानों में ई-पास मशीन स्थापित की जा चुकी है। प्रतिमाह औसतन 96 प्रतिशत हितग्राहियों को आधार प्रमाणीकरण के जरिए राशन सामग्री वितरित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही वन नेशन वन राशनकार्ड व्यवस्था के तहत राशनकार्डधारियों को मनपसंद दुकान चुनने की भी सुविधा प्रदान की गई है। माह जनवरी 2025 में 9 लाख 20 हजार राशनकार्डधारी परिवारों द्वारा अपनी मूल दुकान के बजाय अपनी मनपसंद एवं सुविधा अनुसार अन्य दुकानों से राशन सामग्री का उठाव किया गया।

खाद्य मंत्री  बघेल ने सदन में बताया कि छत्तीसगढ़ में खाद्यान्न की बंपर उत्पाद को देखते हुए भण्डारण क्षमता को बढ़ाने निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि खाद्यानों का रख-रखाव उचित ढंग से हो सके। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम की 139 शाखाएं संचालित हैं। निगम की स्वनिर्मित भण्डारण क्षमता 24.77 लाख टन है तथा 1.95 लाख टन क्षमता के गोदामों का निर्माण किया जा रहा हैं। वहीं निगम द्वारा चावल उपार्जन हेतु गोदामों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 10.30 लाख टन क्षमता के नए गोदामों के निर्माण की कार्ययोजना तैयार की गई है, इसके लिए बजट में 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि माप एवं तौल की पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए बांट माप तौल के सत्यापन की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। इसके लिए सत्यापन की सेवाएं ऑनलाईन भी करने का सुविधा भी दी गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में 314 बांट माप सत्यापन शिविरों का आयोजन 88 हजार 121 व्यापारियों का बांटमाप तौल का सत्यापित किया गया, इससे राज्य को 10 करोड़ 76 लाख की राजस्व की प्राप्ति हुई है।

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