छत्तीसगढ़। सियासी हलकाें कभी-कभी तीखे शब्द, तीखे बोले, बिगड़ बोल जैसे नेताओं के भाषण की लाइनें सुर्खियां बटोरती थी। लेकिन अब मंच के अलावा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म (Social Media Platforms) पर भी राजनीतिक पार्टियों में तीखे वार छिड़ते हैं। कभी-कभी गंभीर विषय पर बहस-बहस होते-होते बात के बतंगड़ (Mess of Talk) से इसकी इतिश्री भी हो जाती है।
ऐसे में इस Twitter वार पर इनके अपने-अपने फॉलोअर्स भी शब्दों के मुकाबले का आंकलन करते हैं। लेकिन ये समझना टेढ़ी खीर साबित हो होता है। कौन हारा, कौन जीता। बहस अपने पूरे रौ में चलती ही रहती है। इसी बीच कोई अन्य मुद्दा सामने आते ही पूर्ववर्ती मुद्दों पर धुंध छा जाता है। इधर बीच छत्तीसगढ़ बीजेपी-कांग्रेस (BJP-Congress) में फसलों के समर्थन मूल्य को लेकर शुरू हुई बहस। इतने तीखे हो गए कि कांग्रेस ने बीजेपी के कमेंट्स पर लिखा, सुनो वैशाखनंदनों तो बीजेपी ने लिखा, हे सोनिया नंदनों, हे पप्पू भक्तों। आइये इन शब्दों के जाल से बुने सियासी तानेबाने पर एक नजर डालते हैं।
बीजेपी ने लिखा, अति अंहकारी @bhupeshbaghel जी, आपकी सरकार क्या किसी भी राज्य की सरकार अपने दम पर धान नहीं खरीदती है। केंद्र सरकार के एजेंट बन कर आप धान खरीदी कर रहे हो। समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार आपको पैसे देती है। होश में आओ।
कांग्रेस ने लिखा, सुनो वैशाखनंदनों…!! जिस प्रकार दो दूनी आठ नहीं हो सकते, ठीक उसी प्रकार यह सत्य भी नहीं बदल सकता कि “केंद्र सरकार किसानों से धान खरीदने के लिए राज्य को 1 फूटी कौड़ी” भी नहीं देती, हम हर साल मार्कफेड के जरिए विभिन्न बैंकों से कर्ज लेकर किसानों से धान खरीदते हैं।
तुम्हारे कहने से सच झूठ नहीं हो सकता। तुम लोगों की गणित बिल्कुल पप्पू के समान है ढाई हजार पांच सौ जैसे। जाओ किसी गणित टीचर से गणित सीख लो। गूगल में जाकर देख लो समर्थन मूल्य घोषित कौन करता है। तुम लोग सावन के अंधे हो, सब हरा-हरा दिखता है।
सुनो वैशाखनंदनों…!!
जिस प्रकार दो दूनी आठ नहीं हो सकते, ठीक उसी प्रकार यह सत्य भी नहीं बदल सकता कि "केंद्र सरकार किसानों से धान खरीदने के लिए राज्य को 1 फूटी कौड़ी" भी नहीं देती, हम हर साल मार्कफेड के जरिए विभिन्न बैंकों से कर्ज लेकर किसानों से धान खरीदते हैं।
तुम चाहो तो अब… https://t.co/lWIV9Ol0lY
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) June 12, 2023
हे सोनिया नंदनो, हे पप्पू भक्तों…
तुम्हारे कहने से सच झूठ नहीं हो सकता। तुम लोगों की गणित बिल्कुल पप्पू के समान है ढाई हजार पांच सौ जैसे। जाओ किसी गणित टीचर से गणित सीख लो। गूगल में जाकर देख लो समर्थन मूल्य घोषित कौन करता है। तुम लोग सावन के अंधे हो, सब हरा-हरा दिखता है। https://t.co/bzl2veTBj7— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) June 12, 2023
ये तो बताओ कि छतीसगढ़ के किस कोऑपरेटिव बैंक से तुम्हारी सरकार कर्जा लेती है? नाबार्ड, राष्ट्रीय सहकारी विकास बैंक सहित सारे राष्ट्रीय कृत बैंक से कर्जा लेते हो, ये सब केंद्र सरकार के बैंक है। केंद्र के बैंकों से राशि तुम्हारी कैसे हो गयी? अनपढ़ कहीं के।
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) June 12, 2023
केवल भारत सरकार के एजेंट बनकर धान खरीदते हो और मिलिंग करा कर एफसीआई को देते हो। अपने हिस्से के धान का क्या हाल करते हो वो बिलासपुर के धान खरीदी केंद्र में जाकर देखो, तीन साल पुराना धान सड़ा पड़ा है।
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) June 12, 2023
किसानों के धान को सस्ते रेट में बिकवा कर कमीशन सोट रहे हो। कस्टम मिलिंग का रेट बढ़ाकर 40 रुपये क्विन्टल कमीशन ले रहे हो।
वैसे मार्कफेड वही संस्था है न जहां कोयला घोटाला के सरगना समीर विश्नोई की पोस्टिंग करवाये थे लूटने के लिए।
जाओ पढ़ लिख कर बताना!!!
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) June 12, 2023
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