BJP-कांग्रेस में ‘बात-बतंगड़’! twitter पर चले ‘तीखे’ शब्दों के तीर

सियासी हलकाें कभी-कभी तीखे शब्द, तीखे बोले, बिगड़ बोल जैसे नेताओं के भाषण की लाइनें सुर्खियां बटोरती थी। लेकिन अब मंच के अलावा सोशल मीडिया...

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  • Updated On - June 13, 2023 / 12:28 PM IST

छत्तीसगढ़। सियासी हलकाें कभी-कभी तीखे शब्द, तीखे बोले, बिगड़ बोल जैसे नेताओं के भाषण की लाइनें सुर्खियां बटोरती थी। लेकिन अब मंच के अलावा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म (Social Media Platforms) पर भी राजनीतिक पार्टियों में तीखे वार छिड़ते हैं। कभी-कभी गंभीर विषय पर बहस-बहस होते-होते बात के बतंगड़ (Mess of Talk) से इसकी इतिश्री भी हो जाती है।

ऐसे में इस Twitter वार पर इनके अपने-अपने फॉलोअर्स भी शब्दों के मुकाबले का आंकलन करते हैं। लेकिन ये समझना टेढ़ी खीर साबित हो होता है। कौन हारा, कौन जीता। बहस अपने पूरे रौ में चलती ही रहती है। इसी बीच कोई अन्य मुद्दा सामने आते ही पूर्ववर्ती मुद्दों पर धुंध छा जाता है। इधर बीच छत्तीसगढ़ बीजेपी-कांग्रेस (BJP-Congress) में फसलों के समर्थन मूल्य को लेकर शुरू हुई बहस। इतने तीखे हो गए कि कांग्रेस ने बीजेपी के कमेंट्स पर लिखा, सुनो वैशाखनंदनों तो बीजेपी ने लिखा, हे सोनिया नंदनों, हे पप्पू भक्तों। आइये इन शब्दों के जाल से बुने सियासी तानेबाने पर एक नजर डालते हैं।

बात BJP के इस कमेंट्स हुई

बीजेपी ने लिखा, अति अंहकारी @bhupeshbaghel जी, आपकी सरकार क्या किसी भी राज्य की सरकार अपने दम पर धान नहीं खरीदती है। केंद्र सरकार के एजेंट बन कर आप धान खरीदी कर रहे हो। समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार आपको पैसे देती है। होश में आओ।

जिस पर कांग्रेस ने तीखे शब्द छोड़े

कांग्रेस ने लिखा, सुनो वैशाखनंदनों…!! जिस प्रकार दो दूनी आठ नहीं हो सकते, ठीक उसी प्रकार यह सत्य भी नहीं बदल सकता कि “केंद्र सरकार किसानों से धान खरीदने के लिए राज्य को 1 फूटी कौड़ी” भी नहीं देती, हम हर साल मार्कफेड के जरिए विभिन्न बैंकों से कर्ज लेकर किसानों से धान खरीदते हैं।

बीजेपी ने लिखा, हे सोनिया नंदनो, हे पप्पू भक्तों…

तुम्हारे कहने से सच झूठ नहीं हो सकता। तुम लोगों की गणित बिल्कुल पप्पू के समान है ढाई हजार पांच सौ जैसे। जाओ किसी गणित टीचर से गणित सीख लो। गूगल में जाकर देख लो समर्थन मूल्य घोषित कौन करता है। तुम लोग सावन के अंधे हो, सब हरा-हरा दिखता है।

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