बस्तर स्टोरी : अब शाह की डेडलाइन पर होगा नक्सलियों का काम तमाम ? ये है पूरा मास्टर प्लान

इस बार केंद्रीय मंत्री अमित शाह की डेडलाइन पर नक्सल प्रभावित जिलों में कार्रवाई का दौर जारी है। बहरहाल, अब बीहड़ जंगलों में सुरक्षा बलों के

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  • Updated On - December 9, 2024 / 04:47 PM IST

  • टारगेट में होंगे मोस्ट वांटेड नक्सली, फिर होगी बस्तर में शांति

जगदलपुर। इस बार केंद्रीय मंत्री अमित शाह की डेडलाइन (Union Minister Amit Shah’s)पर नक्सल प्रभावित जिलों में कार्रवाई का दौर जारी है। बहरहाल, अब बीहड़ जंगलों में सुरक्षा बलों के बेस कैंप खुलने से नक्सलियों (Naxalites due to opening of base camps of security forces in rugged forests)के पांव धीरे-धीरे बस्तर संभाग से उखड़ते जा रहे हैं। भाजपा की सरकार आने के बाद बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं। इसके पीछे कारण है कि केंद्रीय गृह मंत्री 30 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करने का टॉरगेट लेकर चल रहे हैं। यही कारण है कि नक्सलियों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई हो रही है।

बस्तर में शांति स्थापना के लिए और प्रदेश सहित बस्तर में पूरी तरह से नक्सलवाद के खात्में को लेकर सरकार ने टाइम लाइन जारी कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 मार्च 2026 का डेड लाइन फिक्स कर दिया है. ऐसे में अब सुरक्षा बलों का टारगेट उन मोस्ट वांटेड नक्सलियों पर है, जिन पर लाखों और करोड़ों का इनाम रखा गया है। नक्सलियों के मिलिट्री विंग और बटालियन की खोज के लिए अबूझमाड़ में सर्च ऑपरेशन जवान चला रहे हैं।

इस कनेक्शन को तोडऩे की प्लानिंग

सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों के कोर इलाके में धमक दे रहे है। साल 24 में बड़ी सफलता भी जवानों को मिली है, लेकिन अब भी मोस्ट वांटेड नक्सली माड़ इलाके में सक्रिय है। ऐसे में अब बचे हुए ऐसे नक्सलियों के ठिकानों में सुरक्षा बलों की नजर बनी हुईं है। अबूझमाड़ के ऐसे कोर इलाके है जहां आज भी सुरक्षा बल पहुंच नहीं पाया है। इसी इलाके में 400 से अधिक वर्धीधारी नक्सली मौजूद हैं, जो महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना से लगा हुआ है।

सुरक्षाबलों को मिला है बड़ा टॉस्क

जानकार भी बताते है कि नक्सलियों का सबसे सुरक्षित इलाका कहा जाने वाला अबूझमाड़ भी अब काफी हद तक फोर्स के कब्जे में आ गया है। इतना ही नहीं जो टाइम लाइन सरकार ने दिया है, उस पर काफी हद तक सफलता भी मिल रही है. लेकिन बस्तर से पूरी तरह नक्सलवाद खत्म नहीं हो पाया है. नक्सलियों का जनाधार काफी बड़ा है। विकास के माध्यम से नक्सलवाद को खत्म किया जा सकता है. वहीं सुरक्षा महकमा भी कोशिश में लगा हुआ है कि जो टास्क दिया गया है उसे सफल करते हुए बचे वर्दीधारी नक्सलियों को खत्म किया जाए और इलाके में शांति स्थापित जल्द किया जाए।

जवानों की पांच टीमें तैयार

सूत्रों के मुताबिक माड़ इलाकों में 400 से अधिक वर्दीधारी नक्सली एक साथ झुंड में नजर आए हैं। वर्दीधारी नक्सलियों को घेरने के लिए 5 टीमों में हजारों जवानों को तैयार रखा गया है। इसके अलावा महारष्ट्र की सी 60 और आंध प्रदेश की ग्रेहाउंड के अफसर भी बस्तर के सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में नजर बनाए हुए है. सभी जवानों को इन वर्दीधारी नक्सलियों को मारने के लिए फ्री हैंड दे दिया गया है। ऐसे में अब अंतिम और निर्णायक लड़ाई पर सबकी नजर बनी हुई हैं।

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