बस्तर में नक्सलवाद की रात ढल रही, विकास की नई सुबह का उदय: सीएम

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति की सराहना करते हुए कहा कि इससे प्रभावित होकर नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग छोड़ने का निर्णय लिया है।

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  • Publish Date - July 25, 2025 / 12:04 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद की रात अब समाप्त हो रही है और विकास की नई सुबह की शुरुआत हो चुकी है। डबल इंजन सरकार के समग्र प्रयासों के परिणामस्वरूप बस्तर रेंज में गुरुवार को 2.54 करोड़ रुपये के इनामी 66 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प लिया।

इनमें 25 लाख के इनामी नक्सली एसजेडसीएम रामन्ना ईरपा उर्फ जगदीश का आत्मसमर्पण भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक ही दिन में बीजापुर से 25, दंतेवाड़ा से 15, कांकेर से 13, नारायणपुर से 8 और सुकमा से 5 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और अब वे शांति और विकास की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का प्रभाव

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति की सराहना करते हुए कहा कि इससे प्रभावित होकर नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग छोड़ने का निर्णय लिया है। अब वे समाज की मुख्यधारा में लौटकर विकास की दिशा में योगदान देने को तैयार हैं।

केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बस्तर के दूरदराज और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास की दिशा में कार्य कर रही हैं। बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क निर्माण, पेयजल व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और बिजली जैसी सेवाओं को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाया गया है।

18 महीने में 1570 नक्सलियों का आत्मसमर्पण

सीएम ने बताया कि पिछले 18 महीनों में कुल 1570 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं। यह सरकार की पारदर्शी नीतियों, नागरिक-हितैषी कार्यप्रणाली और पुनर्वास नीति की सफलता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन समाज और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण की दिशा में सरकार के समर्पित प्रयासों का नतीजा है।