कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर किया आत्मसमर्पण

मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवाद की झूठी और भ्रामक विचारधारा से भटके युवा अब समझने लगे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प है।

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  • Publish Date - October 26, 2025 / 07:40 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में माओवाद की समाप्ति अब  वास्तविकता बनने की ओर अग्रसर है। “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी जनोन्मुख पहल ने बस्तर में शांति और विश्वास की नई बयार बहा दी है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया, जो प्रदेश में चल रही “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025” तथा “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का सशक्त प्रमाण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवाद की झूठी और भ्रामक विचारधारा से भटके युवा अब समझने लगे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प है। सरकार इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास, पुनर्प्रशिक्षण और सामाजिक पुनर्संस्थापन के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है, ताकि वे मुख्यधारा से जुड़कर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।

मुख्यमंत्री ने  कहा कि  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है। यही कारण है कि अब माओवादी संगठन तेजी से कमजोर पड़ रहे हैं और बड़ी संख्या में हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति को स्वीकार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अंचल में अब नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और क्षेत्र तेजी से शांति, विकास और सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त बनाना है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेजी से अग्रसर है।