Bastar Story : जहां निकलती थी ‘नक्सली’ रैली, वहां लहराया ‘तिरंगा’ गूंज उठा ‘भारत माता’ का जयकारा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ऐलान है कि पूरे देश से 2026 नक्सल मुक्त होगा। जिसे साकार करने के लिए जवानों के संग विष्णुदेव साय की सरकार

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  • Updated On - January 26, 2025 / 07:33 PM IST

बीजापुर। (Kondapalli ) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ऐलान है कि पूरे देश से 2026 नक्सल मुक्त होगा। जिसे साकार करने के लिए जवानों के संग विष्णुदेव साय की सरकार तेजी के साथ काम करने में जुटी है। वह भी पूरी योजना के तहत, जहां धरातल स्तर पर नियद नेल्लार के जरिए विकास का खाका और जवानों के साथ कदम से कदम मिलाकर शांति और नक्सल मुक्त करने की ऐतिहासिक कहानी गढ़ने में लगी है। इस अथक प्रयास से अब धुर नक्सली इलाकों में बदलाव की तस्वीरें दिखने लगी हैं। विकास के साथ-साथ अब नक्सली भी आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। आदिवासी और नक्सल प्रभावित इलाकों को ध्वजारोहण (Flag hoisting) नहीं करने के लिए नक्सलियों की पाबंदी थी। वे अपने स्मारकों को बनाते थे और अपने नियंत्रण वाले इलाकों में रैली निकालते थे। लेकिन नक्सली इलाकों में फोर्स के खुले कैंप की वजह से नक्सली गतिविधियों पर लगाम लग चुकी है। ऐसे में अब नक्सली तो बैकफुट पर हैं ही हैं, साथ ही अब नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों में नक्सल के प्रति भय भी खत्म होने लगा है।

  • बस्तर में अब नक्सलवाद की धुंध छट रही है. इसी का नतीजा है कि बीहड़ इलाकों में विकास की बयार बहने लगी है. इसकी जीता जागती तस्वीर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के चिल्का पल्ली गांव से सामने आई है. ये गांव गणतंत्र दिवस पर अंधेरे की गुलामी से बाहर आया है. देश की आजादी के इतने सालों बाद नक्सल समस्या से घिरे पहुंचविहीन इस गांव में ना सिर्फ बिजली पहुंची है बल्कि CRPF की तैनाती से नक्सलियों की काली परछाई भी दूर हुई है। ऐसे में जाहिर है कि अब नक्सल मुक्त होने पर ज्यादा समय नहीं लगेगा।

ऐसी ही एक तस्वीर गणतंत्र दिवस पर भी दिखी, जिला मुख्यालय से करीब 65 किमी दूर कोंडापल्ली में पहली बार तिरंगा शान से फहराया गया है। कोंडापल्ली अब तक सरकार और प्रशाशन की पहुंच से दूर हुआ करता था। नक्सल संगठन के पीएलजीए का ये कोर इलाका माना जाता था. कहते हैं कि नक्सलियों की सीधी हुकूमत यहां हुआ करती थी. कोंडापल्ली नक्सलियों का वो गढ़ था जहां मर्जी नक्सलियों की चलती थी।

हाल ही में सीआरपीएफ 170 बटालियन ने यहां फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस बनाया है। इससे इस इलाके में काफी बदलाव आया. इस बार गणतंत्र दिवस पर सीआरपीएफ के जवानों और अफसरों ने बच्चों और ग्रामीण के साथ सेलिब्रेट किया. लोगों के हाथों में तिरंगा नजर आया. बच्चों ने भारत माता जयकारे लगाए।

यह गांव बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर है और फुतकेल पंचायत का आश्रित है. अब तक गांव को जोड़ती पक्की सड़क भी नहीं बनी है, लेकिन बिजली की दस्तक ने ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव जरूर लाया है. यकीनन सिकुड़ते नक्सलवाद और विकास की तेज होती रफ्तार से चिमनियों के भरोसे जी रहे आदिवासियों की झोपड़ियां अब रोशन हो गई है.

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