भागवत बोले, सबके पूर्वज एक है, 40 हजार साल से डीएनए एक

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज आपने सरगुजा जिले के अंबिकापुर मुख्यालय पर पहुंचे। जहां उन्होंने पीजी कालेज मैदान पर आयोजित पथ संचालन कार्यक्रम को उन्होंने संबोधित किया।

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  • Updated On - November 16, 2022 / 12:23 AM IST

छत्तीसगढ़। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज आपने सरगुजा जिले के अंबिकापुर मुख्यालय पर पहुंचे। जहां उन्होंने पीजी कालेज मैदान पर आयोजित पथ संचालन कार्यक्रम को उन्होंने संबोधित किया। कहा कि हम सबके पूर्वज समान हैं। आज का विज्ञान मैपिंग के बाद कहता है कि 40 हजार साल पहले से जो अखंड भारत था, काबुल के पश्चिम से छिंदविन नदी के पूर्व तक और चीन की तरफ की ढलान से श्रीलंका के दक्षिण तक,जो मानव समाज आज है, उन सबका ष्ठहृ्र समान है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में अपने संबोधन में भागवत ने संघ के बारे में व्यापक जानकारी दी।

मोहन भागवत ने कहा कि हमको वेदों ने भी यही सिखाया कि अपनी-अपनी पूजा पर पक्के रहो। अपनी-अपनी भाषा है, उसे बोलो, उस भाषा का विकास करो। अपना-अपना खान-पान है, वो उस भौगोलिक क्षेत्र के लिए उचित है। उस पर भी पक्के रहो। देश में संघ को छोड़कर ऐसी कोई संस्था नहीं, जिसने देश को एक करने का इतना प्रयास किया हो।

मेरे आने से लोग कई तरह की बातें करते हैं, मैं दूसरी बार सरगुजा आया हूं

मोहन भागवत ने कहा कि मैं दूसरी बार सरगुजा आया हूं। मेरे आने से लोग तरह-तरह की बातें करते हैं। पिछले सालों में नई भर्ती भी संघ में हुई हैं। मैं इन लोगों को संघ की परंपरा, संस्कृति बताना जाता हूं। लोगों को लगता है कि संघ पैरामिलिट्री संस्थान है, लेकिन ऐसा नहीं है, संघ में व्यायाम के तौर पर लाठियां चलाना सीखते हैं, कबड्डी खेलते हैं। उन्होंने एक कहानी सुनाते हुए कहा कि जो जैसा होता है, वह दूसरे को भी वैसा ही समझता है, संघ के बारे में भी ऐसा हो गया है, अगर संघ को समझना है तो संघ में आना पड़ेगा। यहां आने का कोई शुल्क नहीं लगता। बस आइये और समझिए कि संघ क्या कर रहा है।

बोले हमें, सिर्फ अपना स्वार्थ नहीं देखना चाहिए

संघ प्रमुख ने कहा कि सबको स्वीकार करके अपनी राह पर चलो, सिर्फ अपने स्वार्थ को मत देखो, सबका स्वार्थ पूरा हो सके, ऐसा प्रयास करो। अगर भारत पर संकट में आए तो हम एक हो जाते हैं, कोरोना में ऐसा ही हुआ, चीन पाकिस्तान से युद्ध के समय हम एक हुए। वास्तविकता यह है कि हम सब एक हैं, हमको जात पात की ऊंच नीच नहीं रखना चाहिए। संघ सामाजिक एकजुटता के लिए कार्य करता रहा है और आगे भी करता रहेगा।