भक्तिन माता राजिम के आदर्श सभी समाजों के लिए अनुकरणीय: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
By : madhukar dubey, Last Updated : January 8, 2025 | 3:20 pm
रायपुर / राजिम शैव और वैष्णव परंपरा का संगम स्थल(Rajim is the meeting place of Shaiva and Vaishnav traditions.) है। राजिम के इस पवित्र स्थल में ही भगवान श्रीराम ने कुलेश्वर महादेव की स्थापना कर उनकी पूजा-अर्चना की थी। सोन्ढूर, पैरी और महानदी के त्रिवेणी संगम के कारण यह क्षेत्र पूरे देश में प्रसिद्ध है। राजिम नगरी छत्तीसगढ़ का प्रयागराज के रूप में प्रसिद्ध है। यहां से प्रवाहित होने वाली महानदी पाप मोचिनी गंगा कहलाती है। राजिम भक्तिन माता के नाम पर ही राजिम का नाम (Rajim is named after Bhaktin Mata.)हुआ है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजिम में साहू समाज द्वारा आयोजित भक्तिन माता राजिम जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह हम सबके लिए गौरव की बात है कि हम आज उस भूमि में एकत्रित हुए हैं जहां भगवान श्रीराम ने माता सीता के साथ अपने चरण रखे। माता सीता ने यहां महादेव की पूजा अर्चना की और रेत से ही कुलेश्वर महादेव को स्थापित किया। उन्होंने कहा कि राजिम भक्तिन माता ने जिस त्याग और तपस्या का उदाहरण प्रस्तुत किया, उसकी स्मृति साहू समाज संजोये हुए है। राजिम भक्तिन माता की जयंती से सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलता है। साथ ही उनके आदर्शाें पर चलने की प्रेरणा मिलती है। समाज के एकजुट होने से प्रदेश और देश को भी मजबूती मिलती है। उन्होंने इस अवसर पर राजिम में भक्तिन माता की भव्य कांस्य प्रतिमा की स्थापना के लिए 5 करोड़ रूपए की घोषणा की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि साहू समाज प्रगतिशील समाज है। यह समाज खेती किसानी के साथ-साथ व्यापार, उद्योग जगत में आगे बढ़ रहा है। साहू समाज अपनी विरासत को भी संजोये हुए हैं। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की नीति लेकर 140 करोड़ भारतीयों को अपना परिवार मानकर उनके हित में 18-18 घंटे काम करने वाले देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आपके समाज का गौरव हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के समय राजिम में भव्य कुंभ कल्प की शुरूआत हुई थी। पूर्ववर्ती सरकार ने इसकी गरिमा कम कर दी थी। हमारी सरकार ने राजिम कुंभ कल्प की गरिमा को पुनर्स्थापित किया है। पिछले साल राजिम कुंभ में देश भर से संत समागम हुआ। हम इस साल भी हम भव्य राजिम कुंभ कल्प का आयोजन करने जा रहे है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माताओं और बहनों की उपस्थिति है। हमने महतारी वंदन योजना से महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम किया है। अभी हाल ही में इस योजना की ग्यारहवीं किश्त माता-बहनों के खाते में हस्तांतरित की गई है। पहली तारीख को माताओं-बहनों के मोबाइल में इस योजना की राशि जाती है और उनका चेहरा खिल जाता है। इससे उन्हें अपने बजट को व्यवस्थित करने में मदद मिलती है। जब भी मैं इस बारे में उनसे चर्चा करता हूँ वे बहुत खुश हो कर बताती हैं कि इस योजना से उनके जीवन में कितना बदलाव आया। सही मायने में तब लगता है कि हम अटल जी के सुशासन का सपना छत्तीसगढ़ में साकार कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि उन्होंने अमेरिका प्रवास के दौरान देखा कि किस तरह विदेशों में भी साहू समाज के बच्चे छत्तीसगढ़ का परचम लहरा रहे हैं। अपनी कर्मठता और संकल्पशक्ति से साहू समाज के लोग देश-दुनिया में समाज का नाम उंचा कर रहे हैं। केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने बताया कि भक्त माता करमा के नाम पर डाक टिकट जारी होना हम सब के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि करमा माता ने अपना जीवन समाज को समर्पित किया, उनके विचारों और आदर्शाे से समाज का विकास हो सके इसलिए जरुरी है कि हम सभी उन विचारों को आत्मसात करें।
मुख्यमंत्री ने की माता राजिम एवं भगवान राजीव लोचन की पूजा-अर्चना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजिम पहुंचकर भगवान राजीव लोचन मंदिर में भक्तिन माता राजिम एवं भगवान राजीव लोचन की विधि विधान से पूजा अर्चना की और प्रदेशवासियों की खुशहाली और सुख समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, सांसद रूपकुमारी चौधरी, विधायक मोतीलाल साहू, रोहित साहू, ईश्वर साहू, संदीप साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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