रायपुर : रायपुर में चल रही कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (political affairs committee) की बैठक में पार्टी के अंदरूनी मतभेद और अनुशासनहीनता खुलकर सामने आई। दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की मौजूदगी में यह बैठक हुई, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सख्त तेवर दिखाए।
बैठक के दौरान भूपेश बघेल ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत से सीधे सवाल पूछते हुए कहा कि आप मुख्यमंत्री पर हमला करने से क्यों बचते हैं? उन्होंने स्पष्ट किया कि नेता प्रतिपक्ष को सरकार के खिलाफ मुखर होना चाहिए। यह बयान उस समय आया जब बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में जिम्मेदारियों के बंटवारे को लेकर असंतोष जाहिर किया।
भूपेश बघेल ने कहा कि पार्टी के कई नेता किसी के खिलाफ बिना सोच-विचार के बयान दे देते हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए संगठन में सख्ती की बात कही। वहीं कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि उनके अनुभव का पार्टी सही तरीके से उपयोग नहीं कर रही है।
इस बैठक से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट ने छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति कमजोर हो गई है और ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली से ही हर निर्णय लिया जा रहा है। पायलट ने यह भी कहा कि जिन्हें जनता ने शासन चलाने का जनादेश दिया है, वे भी हर निर्णय के लिए दिल्ली की ओर देख रहे हैं।
नक्सल मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस हिंसा के खिलाफ है, लेकिन कार्रवाई पारदर्शी और संवेदनशील तरीके से की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आंतरिक सुरक्षा का मामला है और सभी पक्षों को विश्वास में लेकर कदम उठाना जरूरी है।
सचिन पायलट ने यह भी बताया कि अब तक के कार्यों की रिपोर्ट ली जाएगी और 2025 के लिए संगठन की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संगठन के लिए समर्पित किया है और बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक बदलाव पर चर्चा होगी।
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