भूपेश की दो ‘टूक’, बोले, BJP दो गला वाली पार्टी तो राज्यपाल ‘हठधर्मिता’ की धनी, देखें VIDEO

By : madhukar dubey, Last Updated : January 1, 2023 | 2:23 pm

छत्तीसगढ़। (Reservation) आरक्षण पर बीजेपी और राज्यपाल के रवैए को लेकर मुख्यमंत्री (Bhupesh) भूपेश बघेल ने तंज कसा है। उन्हाेंने कहा दाे टूक कहा कि बीजेपी दो गला वाली पार्टी है। विधानसभा के अंदर सुनाई देता है। दूसरा जो विधानसभा के बाहर सुनाई देता है। उनके कहने का मतलब है कि आरक्षण पर बीजेपी ने आज तक राज्यपाल से हस्ताक्षर करने क लिए नहीं बोली। कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि आरक्षण लागू हो। उसके इशारे पर ही राजभवन कार्य कर रही हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि BJP  दोहरे चरित्र वाली पार्टी है।

कहा कि भाजपा के लोग मांग क्यों नहीं कर रहे हैं की राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर करें, क्योंकी एकात्म परिसर से पर्ची उन्हें भेजी जा रही है, इसलिए गड़बड़ हो रही है। भाजपा नेताओं के दो मुंह हैं। एक मुंह से विधानसभा में आवाज सुनाई देती है और दूसरा मुंह जो बाहर सुनाई देता है। मुख्यमंत्री कहना चाह रहे थे कि आरक्षण के मसले पर एक तरफ तो विधानसभा में भाजपा ने सर्वसम्मति दिखाई और अब विधेयक राजभवन के जरिए अटका कर दोहरे चरित्र दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इधर, राज्यापाल को उन्होंने हठधर्मिता बताते हुए कहा कि आरक्षण का बिल जो विधानसभा में पास हो गया है। यह विधानसभा की संपत्ति है, जिस पर उन्हें अब तक संवैधानिक रूप से हस्ताक्षर कर देना चाहिए था। लेकिन वे बार-बार इसे टालने में लगी हैं, जो गलत है। भूपेश ने कहा कि २ दिसंबर की बात है अब २ जनवरी आ जाएगा और सत्र शुरू हो रहा है । १ महीने बीतने के बाद भी राज्यपाल की जी की हठधर्मिता है कि पूरे प्रदेश के छात्र छात्राओं का नौजवान युवक युवतियों का जो नौकरी करना चाह रहे हैं जो पढ़ाई करना चाह रहे हैं उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

सवाल भेजे थे, उसके भी जवाब दे दिए गए हैं। इसके बावजूद वे हस्ताक्षर नहीं कर रही हैं। अगर उन्हें नहीं करना है तो वे इसे विधानसभा को वापस लौटा सकती हैं। आज एक महीना हो गया है। इसके बावजूद वे साइन नहीं कर रही हैं। वे बीजेपी के इशारे पर राजभवन चला रही हैं।

राजभवन में अटके आरक्षण विधेयक पर बघेल ने कहा- मुख्य रूप से बात यही है कि विधानसभा में पारित बिल विधानसभा की संपत्ति कहलाती है। विधानसभा से निकलकर राजभवन गया है। वह भी लटका हुआ है। सवाल हमसे पूछे जा रहे हैं। राज्यपाल बिल पर हस्ताक्षर करे या तो विधानसभा को लौटाएं ।