भूपेश ने ‘राज्यपाल’ को बताए उनकी ‘संवैधानिक’ मर्यादा, जानें, क्या बोले

By : madhukar dubey, Last Updated : January 7, 2023 | 9:20 pm

छत्तीसगढ़। (reservation bill) आरक्षण बिल को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल (Governor) अनुसूईया उइके को उनकी संवैधानिक मर्यादा की सीमा बताई। कहा कि वे राजनीति कर रही हैं। जिलों में क्या हो रहा है, यह देखना उनका काम नहीं है। इसके लिए चुनीं हुईं सरकार है, जिसे जनता ने प्रचंड बहुमत से चुना है।

कहा कि राज्यपाल अनुसूईया उइके अपनी भूमिका का विस्तार कर रही हैं। राज्यपाल ने अब जिलों का दौरा कर समस्याएं सुनने की घोषणा की है। इसकी वजह से सरकार और राजभवन के बीच टकराव गंभीर होता जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल को संवैधानिक मर्यादाओं की याद दिलाते हुए बड़ा हमला बोला।

गरियाबंद के सिरकिट्‌टी रवाना होने से पहले रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, संविधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को अपने अधिकार और कर्त्तव्य का ध्यान रखना चाहिए। उसका अतिक्रमण नहीं करना चाहिए। अभी राज्यपाल जी ने अतिक्रमण किया।

राज्य सरकार से १० सवाल पूछ रही हैं। यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। विधानसभा से जो बिल पारित हुआ है। उस पर हस्ताक्षर करना चाहिए अथवा वापस लौटाना चाहिए। कर्नाटक में अभी ६१ प्रतिशत आरक्षण की बात सुनाई दे रही है। ५६त्न तो पहले था अभी ६१ प्रतिशत करने वाले हैं। वहां राज्यपाल दस्तखत कर रहे हैं, यहां राज्यपाल राजनीति कर रही हैं। राजभवन के माध्यम से राजनीति कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के दौरे से जुड़े सवाल पर कहा, अब आप दौरा करेंगी। समस्याओं का निदान करेंगी। मंत्रिमंडल आपको सलाह देने के लिए है। आपके पास कोई समस्या आती है, कोई जानकारी आती है तो उसे आप सरकार को सौंप दें। सरकार से जानकारी लें। यह उनका कार्य है।

वे फील्ड में जाकर सीधा काम नहीं करेंगी। उसको यहां मनोनीत किया गया है, वह निर्वाचित नहीं है। यह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि जनता की समस्याओं का निदान करने का काम करें। कार्यपालिका अलग है, विधायिका अलग है। न्यायपालिका का भी कार्य बंटा हुआ है। संविधान के दायरे में रहकर सबको काम करना है। ये राष्ट्रपति की प्रतिनिधि के रूप में यहां हैं।