छत्तीसगढ़। (Chhattisgarh) ये तो सच है, गौ माता का दूध किसी संजीवनी से कम नहीं। लोगों की जीवनदायनी गौ माता। इनके दूध की बूंद से नौनिहालों को नवजीवन मिलता है। अगर मां का दूध किन्हीं कारणवश बच्चे नहीं पी पाते तो ऐसे में गाय के दूध से ही क्षुधा शांत होती है। ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि गौ माता पूरे मानव समाज के लिए कितनी अहम हैं। इसलिए ही गाय को एक मां की उपमा दी गई है। अभी तक गाै माता के इलाज के लिए अस्पताल तो खोल गए। लेकिन इनकी बीमारी से हालत बिगड़ने पर आपातकालीन कोई कारगर व्यवस्था नहीं थी। हां, कुछ समाजसेवी इनकी सेवा कर रहे थे। लेकिन यहां छत्तीसगढ़ में जितनी भी पूर्ववर्ती सरकारें आईं, उन्होंने कारगर इंतजाम नहीं किए थे।
बहरहाल, अब भूपेश सरकार ने गौ माता के लिए एक नायाब योजना लांच की है। इसमें 108 एंबुलेंस की तर्ज पर गौमाता के आपातकालीन इलाज के लिए 163 एंबुलेंस (163 ambulance) चलाई जाएगी। ये एंबुलेंस गांव-गांव दौड़ेगीं। ऐसे में जाहिर है, सड़क के किनारे जख्मी पड़ी रहने वाली गायों को तत्काल चिक्तिसा व्यवस्था मुहैया हो सकेगी। ये तो सही है, गौ रक्षा के नाम पर सियासत करना देश में कोई नई बात नहीं है। चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियां गाय पर सियासत करती नजर आती है। गौ संरक्षण यू तो पार्टियों के लिए वोट बैंक की तरह काम करता है। लेकिन इतना तो तय है कि भूपेश सरकार की इस सारहनीय कदम का लाभ चुनावी दंगल में जरूर मिलेगा। वैसे इनकी सारी योजनाओं की तारीफ पूरे देश में हो रही है। यही कारण भी था, हिमाचल में भूपेश की निगरानी में प्रचंड बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनी। कुछ ऐसा ही माहौल छत्तीसगढ़ का भी है।
गौरतलब हो शासन स्तर पर एंबुलेंस लेने का टेंडर प्रतिक्रिया हो चुका है योजना का क्रियान्वयन करने रायपुर में 108 की तर्ज पर कॉल सेंटर बनाया जा रहा है इस सेंटर से एंबुलेंस की मॉनिटरिंग की जाएगी सभी एंबुलेंस पर जीपीएस लगा होगा इससे पता चल सकेगा कि यूनिट वर्तमान में किस जगह पर है लोकेशन के अनुसार कॉल सेंटर से एंबुलेंस को कमांड दिया जाएगा मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलेंस के लिए सेंटर जारी कर दिया गया है सारी प्रक्रिया समय पर पूरी हो अप्रैल-मई तक सेवा शुरू हो जाएगी।
ब्लॉक स्तर पर गोवंश की संख्या के हिसाब से 1 से 2 एंबुलेंस की व्यवस्था रहेगी। ताकि जरूरत पड़ने पर गायों तक जल्द पहुंचा जा सके। इसके जरिए घायल और बीमार गायों को प्राथमिक उपचार देकर उन्हें नजदीकी पशु चिकित्सालय गौठान तक पहुंचा जा सके गांव में शिविर लगाकर मेडिकल टीम माइक्रोबायोस्कोप से गाय की जांच करेगी टेस्ट के रिपोर्ट के अनुसार उनका इलाज किया जाएगा एंबुलेंस में एक डॉक्टर के साथ सहायक और ड्राइवर रहेंगे जो काल सेंटर की सहायता से सपोर्ट तक पहुंचेंगे।
प्रदेश में 20 वी पशु गणना 2019 में हुई थी इसके अनुसार लगभग एक करोड़ 49 लाख पशुधन संख्या है इसमें गोवंशी पशु संख्या 62.90 प्रतिशत यानी 99.84 लाख है गांवो में गरीबी उन्मूलन के लिए पशुपालन की अहम भूमिका है हर ब्लॉक में एक से दो यूनिट की तैनाती रहेगी हर एंबुलेंस में एक डॉक्टर एक सहायक और एक ड्राइवर रहेंगे योजना का क्रियान्वयन के लिए 163 यूनिक के हिसाब से 589 स्टाफ की जरूरत होगी इसमें लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि गायों के लिए एंबुलेंस चलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है इस नई योजना के माध्यम से गोवंश के लिए स्वास्थ सुविधाओं का विस्तार होगा इसकी टेस्टिंग चल रही है जल्द ही तारीख तय कर योजना का शुभारंभ किया जाएगा।