‘राकेश टिकैत’ का बड़ा ऐलान, हसदेव अरण्य बचाने के लिए होगा ‘राष्ट्रीय आंदोलन’

(Hasdeo Forest) छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य बचाने के लिए दिल्ली से भी बड़े आंदोलन की रणनीति बन चुकी है।

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  • Updated On - February 13, 2023 / 07:15 PM IST

छत्तीसगढ़। (Hasdeo Forest) छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य बचाने के लिए दिल्ली से भी बड़े आंदोलन की रणनीति बन चुकी है। इसका ऐलान आज यहां पहुंचने पर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किया। उन्होंने कहा, इस देश में किसान आंदोलन से बड़े मूवमेंट की जरूरत पड़ेगी। देश उसके लिए तैयार है। संयुक्त किसान मोर्चा और उसके नेता राकेश टिकैत इस साल एक बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। यह आंदोलन पिछले साल तक चली दिल्ली की घेराबंदी वाले आंदोलन से बड़ा होगा। हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन की किसान महा सम्मेलन के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे राकेश टिकैत ने यह बात कही है।

रायपुर हवाई अड्‌डे पर किसान नेताओं और दूसरे संगठनों ने टिकैत का स्वागत किया। इस दौरान प्रेस से बात करते हुए टिकैत ने कहा, आने वाले समय में देश में वैचारिक क्रांति आएगी। विचार से उत्पन्न होने वाली क्रांति-इस शब्द का इस्तेमाल 2014 के चुनाव में हुआ था। अभी नौजवानों को रोजगार नहीं है, वह इन शब्दों का इस्तेमाल करेगा।

इससे जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा, पोलिटिकल का तो नहीं पता लेकिन देश की जनता की आवाज है। अब कि आंदोलन हों। एक मूवमेंट खड़ा हो। दिल्ली में जो आंदोलन चला था 13 महीनों तक उससे भी बड़े आंदोलन की जरूरत पड़ेगी। देश इसके लिए तैयार है, नौजवान तैयार हैं, दुकानदार तैयार हैं। जिस तरह से बड़ी कंपनियां आ रही हैं हर क्षेत्र में और पैसे का बड़ा इन्वॉल्वमेंट उनका हो गया तो गरीब आदमी का जीवन कुछ रहा नहीं। फिर से ट्रेक्टर मार्च निकालने पड़ेंगे। हो जाएगा।

देश भर में किसानों की समस्या, अधिग्रहण में लूट

राकेश टिकैत ने कहा, देश के अलग-अलग हिस्सो में किसानों की अलग-अलग समस्याएं हैं। हिमाचल में कुछ और है, कश्मीर में कुछ और पाएंगे। केंद्र सरकार कहती है कि हम छह हजार रुपए दे रहे हैं। बिहार और पूर्वांचल में तो 800 रुपए 1200 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदी हो रही है। तो 800 रुपया प्रति क्विंटल की दर से तो चार क्विंटल का दाम हुआ। हमको छह हजार रुपए नहीं, MSP की गारंटी वाला कानून दे दो और स्वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू कर दो। पूरे देश में भूमि अधिग्रहण का बड़ा इश्यू है। एनएच-नेशनल हाइवे के नाम पर जमीने खरीदी जा रही हैं। जहां पर आंदोलन नहीं है वहां जमीनों को लूटा जा रहा है।

दोपहर के बाद पहुंचे राकेश टिकैत

राकेश टिकैत को सुबह आठ बजे रायपुर पहुंचना था। आयोजकों ने बताया उनकी उड़ान रद्द हो जाने की वजह से वे दोपहर बाद रायपुर पहुंच पाए। उनको सड़क मार्ग से सरगुजा ले जाया जा रहा है। टिकैत वहां हसदेव अरण्य क्षेत्र में आयोजित किसान महा सम्मेलन में शामिल होने गए हैं। हसदेव अरण्य में कोयला खनन परियोजनाओं के विरोध में स्थानीय आदिवासी ग्रामीण पिछले 10 वर्षो से आन्दोलन कर रहे हैं। अक्टूबर 2021 में हसदेव के ग्रामीणों ने वहां से रायपुर तक 300 किलोमीटर पदयात्रा कर मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात की थी। कोई कार्यवाही नहीं होने पर दो मार्च 2022 से ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं।