कांग्रेस भवन की जमीन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला! जानिए, पूरे मामले में क्या मिला आदेश

By : hashtagu, Last Updated : July 16, 2024 | 6:16 pm

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट में दो साल पहले प्रस्ताव लाकर पुराना बस-स्टैंड की जमीन के एक हिस्से को कांग्रेस भवन (Congress Bhavan) के लिए आवंटित किया गया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर (Public interest litigation filed in High Court) की गई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में कलेक्टर को दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के लिए कहा है। यह याचिका आवंटन रद्द करने के लिए लगाई गई थी।

बिलासपुर के पुराना बस स्टैंड की बेशकीमती जमीन को अगस्त 2022 में कांग्रेस भवन के लिए जिला कांग्रेस कमेटी को तत्कालीन सरकार ने आवंटित की थी। इसके खिलाफ रजनीश ताम्रकार ने जनहित याचिका दायर की थी।

दोबारा जमीन आबंटन पर आपत्ति…

याचिका में कहा गया कि छत्तीसगढ़ नगर निगम (अचल संपत्ति का हस्तांतरण) नियम, 1994 के नियम 3-बी (2) का उल्लंघन करते हुए यह जमीन कांग्रेस को आवंटित की जा रही है। एक ही उद्देश्य के लिए दो बार जमीन का आवंटन नहीं किया जा सकता। पूर्व में कांग्रेस भवन बनाने के लिए जमीन दी जा चुकी है। इसके अलावा राज्य परिवहन निगम की यह जमीन सार्वजनिक प्रयोजन के लिए होना चाहिए, किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं। यहां बनाए गए हॉस्पिटल के लिए अतिरिक्त जमीन दी जानी चाहिए।

  • राज्य शासन ने दिया ये तर्क

इस मामले में राज्य शासन की ओर से कहा गया कि जमीन का आवंटन नगर निगम भूमि अंतरण नियम के तहत नहीं बल्कि भू राजस्व संहिता के अनुसार किया गया है। अस्पताल को आवश्यकता के अनुसार जमीन आवंटित की जा चुकी है। उसने लिखकर दिया है कि उसे और जमीन की आवश्यकता नहीं है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने इस मामले में बिलासपुर कलेक्टर को कांग्रेस की तरफ से दिए गए आवेदन पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही जनहित याचिका निराकृत कर दी गई है।

  • प्रशासन ने कांग्रेस से 1 करोड़ 70 लाख रूपये मांगे…

इधर, बिलासपुर के कलेक्टर ने जिला कांग्रेस कमेटी को पत्र लिखकर जमीन आवंटन के एवज में भू भाटक सहित अन्य शुल्क के रूप में एक करोड़ 70 लाख रुपए जमा करने कहा गया है। यह राशि पीसीसी द्वारा जमा की जानी है। उधर, कांग्रेस ने फरवरी 2024 में पत्र लिखकर रकम जमा करने समय मांगा था। इस पर अब तक निर्णय नहीं लिया जा सका है।

यह भी पढ़ें : गौ वंश की तस्करी ‘छत्तीसगढ़’ में संभव नहीं! मिलेगी तस्करों को अब मिलेगी कड़ी सजा