डीएमएफ घोटाले में बड़ा खुलासा: रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत 9 के खिलाफ चार्जशीट, 75 करोड़ की हेराफेरी का आरोप

By : ira saxena, Last Updated : May 28, 2025 | 10:15 am

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित डीएमएफ घोटाले (District Mineral Foundation Scam) में बड़ा मोड़ आ गया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने मंगलवार को इस मामले में लगभग छह हजार पन्नों की चार्जशीट विशेष अदालत में दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, मुख्यमंत्री कार्यालय की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, और अन्य वरिष्ठ अफसरों सहित कुल 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

चार्जशीट में किन-किन के नाम?

चार्जशीट के अनुसार, जिन अधिकारियों और व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, वे हैं:

  • रानू साहू (तत्कालीन कलेक्टर, कोरबा)

  • सौम्या चौरसिया (तत्कालीन उप सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय)

  • माया वारियर (पूर्व सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग)

  • भरोसा राम ठाकुर (तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एवं डीएमएफ नोडल अधिकारी, कोरबा)

  • मुनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र राठौर, और राधेश्याम मिर्झा (पूर्व जनपद सीईओ)

  • सूर्यकांत तिवारी (व्यवसायी)

  • मनोज द्विवेदी (बिचौलिया)

इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने योजनाबद्ध ढंग से निविदाओं का आवंटन अपने पसंदीदा ठेकेदारों को कराया और निविदा मूल्य का लगभग 40 प्रतिशत तक कमीशन लिया गया, जिससे राज्य को लगभग 75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

कब और कैसे हुआ यह घोटाला?

चार्जशीट में कहा गया है कि यह घोटाला मुख्य रूप से 2021-22 और 2022-23 के बीच कोरबा जिले में हुआ। डीएमएफ के तहत खनिज परियोजनाओं के लिए जारी निविदाओं में भारी वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं। आरोपियों ने अपने ‘प्रोप्राइटर’ या ‘वेंडर’ के माध्यम से लाभ उठाया और ठेकेदारी में भ्रष्टाचार किया।

ईडी की जांच में क्या सामने आया?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस मामले में सक्रिय है और धनशोधन (money laundering) की दिशा में जांच कर रहा है। ईडी ने इससे पहले रानू साहू को 2023, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को 2022 में गिरफ्तार किया था। माया वारियर की गिरफ्तारी भी इसी घोटाले में हुई थी।

ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, जब रानू साहू रायगढ़ और कोरबा जैसे कोयला समृद्ध जिलों की जिलाधिकारी थीं, तब डीएमएफ फंड से जुड़े ठेकेदारों से उन्हें भारी रिश्वत मिली थी। यह रिश्वत निविदा मूल्य का 25 से 40 प्रतिशत तक थी।

डीएमएफ क्या है?

जिला खनिज न्यास निधि (DMF) एक ऐसा ट्रस्ट है, जिसे खनिकों द्वारा वित्तपोषित किया जाता है और इसका उद्देश्य खनन से प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य और स्थानीय लोगों के हित में योजनाएं संचालित करना होता है। लेकिन इस योजना का कथित तौर पर घोर दुरुपयोग हुआ।

कब हुई FIR दर्ज?

ईडी की शुरुआती जांच और साक्ष्यों के आधार पर जनवरी 2024 में EOW ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। अब लगभग डेढ़ साल बाद, यह चार्जशीट दाखिल की गई है।

यह मामला राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासनकाल में हुआ माना जा रहा है और आने वाले दिनों में इस पर सियासी बयानबाज़ी और तेज़ होने की संभावना है। वहीं, अदालत में सुनवाई के दौरान अब कई और खुलासे हो सकते हैं।