बीजापुर एनकाउंटर: 1 करोड़ का इनामी टॉप नक्सली नरसिम्हा उर्फ गौतम ढेर, तीन राज्यों में था वॉन्टेड

नरसिम्हा उर्फ गौतम पर सरकार ने 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था, जो उसे नक्सली संगठन में उसकी ऊंची हैसियत और गंभीर वारदातों में शामिल होने के कारण दिया गया था।

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  • Updated On - June 5, 2025 / 05:17 PM IST

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले (Bijapur district) से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां इंद्रावती टाइगर रिजर्व के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें एक कुख्यात और एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली मारा गया। मारे गए नक्सली की पहचान थेंटू लक्ष्मी के रूप में हुई है, जो अलग-अलग नामों से भी जाना जाता था – नरसिम्हा और गौतम। वह नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी (Central Committee Member – CCM) का सदस्य था और तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तीनों राज्यों में वॉन्टेड था।

नरसिम्हा उर्फ गौतम पर सरकार ने 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था, जो उसे नक्सली संगठन में उसकी ऊंची हैसियत और गंभीर वारदातों में शामिल होने के कारण दिया गया था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार वह कई नक्सली गतिविधियों, हमलों और साजिशों का मास्टरमाइंड था।

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बीजापुर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कई बड़े नक्सली नेता छिपे हुए हैं। इसमें गौतम उर्फ सुधाकर, बांदी प्रकाश (तेलंगाना राज्य समिति सदस्य) और पप्पा राव (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य) के नाम शामिल थे। इस सूचना के आधार पर DRG (District Reserve Guard), STF (Special Task Force) और कोबरा कमांडो की संयुक्त टीम को मौके पर भेजा गया।

जंगल में पहुंचते ही सुरक्षा बलों की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से जमकर गोलीबारी हुई। इस एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने थेंटू लक्ष्मी उर्फ नरसिम्हा को मार गिराया। घटनास्थल से उसका शव बरामद कर लिया गया है। सुरक्षा बलों ने मौके से हथियार और नक्सली सामग्री भी जब्त की है। इलाके में फिलहाल सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि बाकी नक्सलियों का भी पता लगाया जा सके।

यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। राज्य में पिछले कुछ महीनों से नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है। कई बड़े नक्सली मारे जा चुके हैं और बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है। थेंटू लक्ष्मी जैसे शीर्ष नेता की मौत से नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है और इससे उनके नेटवर्क को भी कमजोर करने में मदद मिलेगी।