निगम के ‘200’ करोड़ के ‘ग्रीन ब्रांड’ पर BJP फायर!

भारतीय जनता पार्टी के नेता और रायपुर नगर निगम (Raipur Municipal Corporation) के पूर्व सभापति द्वय संजय श्रीवास्तव व प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने कहा

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  • Updated On - March 18, 2023 / 10:04 PM IST

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के नेता और रायपुर नगर निगम (Raipur Municipal Corporation) के पूर्व सभापति द्वय संजय श्रीवास्तव व प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ को कर्ज के दलदल में धसा चुके राज्य सरकार और उनके निकाय का पेट नहीं भरा है जो जनता को लूटने के लिए नई-नई योजनाएं ईजाद कर रहे हैं ।

पूर्व सभापति द्वय संजय श्रीवास्तव व प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने रायपुर नगर निगम द्वारा 200 करोड़ रुपए के ग्रीन बॉन्ड (green bond) जारी करने का प्रस्ताव पर कहा कि जो नगर निगम पहले ही कर्ज़ों के बोझ तले दबा हुआ है, जो निगम अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राज्य सरकार की मोहताज हो, उसकी इस योजना की विश्वसनीयता क्या होगी यह जनता समझ नहीं पा रही है।

उन्होंने कहा कि अपनी विश्वसनीयता खो चुका नगर निगम यदि कायदे से शहर में प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली करे, अपने बेतरतीब बने संपत्ति की व्यवस्थित ढंग से बिक्री करें। तो निगम की स्थिति कुछ सुधर सकती है।

नगर निगमों में कोई भी योजना क्रियान्वयन से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है

कहा कि कितनी हास्यास्पद बात है कि निगम के अधिकारी और जिम्मेदार पदाधिकारी यह तय नहीं किए हैं कि जनता से जुटाए पैसे कहां लगाए जाएंगे और बिना योजना बनाएं इसे एमआईसी में पास भी कर दिए। जबकि वह अच्छे से जानते हैं कि बांड के पैसों पर जनता को ब्याज भी देना पड़ेगा और समय आने पर उसे वापस भी लौटाना पड़ेगा।

भाजपा नेता द्वय संजय श्रीवास्तव व प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने कहा कि कांग्रेस शासन में प्रदेश के सभी निकायों की स्थिति एक ही जैसी बदहाल है। उन्होंने कहा कि निगम बांड 3,5,7 और 10 साल के लिए जारी करेंगे और महापौर जानते हैं कि जो पैसे आज वह जनता से जुटाएंगे उन्हें तो वह पैसे लौटाने नहीं है। इसलिए ऐसी योजना लाने में उन्हें संकोच नहीं है।

नेता द्वय ने कहा की जनता जानना चाहती है कि निगम में जहां पिछले 13 वर्षों से अधिक समय तक कांग्रेस की सत्ता है। किसी एक ऐसी योजना का नाम बताएं जो फायदे में हो। वर्तमान नगर निगम के कार्यकाल में स्मार्ट सिटी के पैसे से 5 करोड़ के फव्वारे, चौराहा सौंदर्यीकरण, चहेतो को काम देने के लिए टुकड़ों में निविदा आवंटन जैसे भारी भ्रष्टाचार के मामलों का कहीं और उदाहरण नहीं मिलेगा।

निगम किसी एक ऐसी योजना का नाम बताएं जो फायदे में हो

उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के नाम पर भवन-भूमि नियमितीकरण के नाम पर लूट मचा रखी है। इस नियमितीकरण की आड़ में प्रदेश के कांग्रेसी महापौर और नपा-नपं अध्यक्षों ने सभी निर्माण को अवैध बताकर नियमित करने का नोटिस जारी कर दिया और निकाय के अधिकारियों और निकाय के कांग्रेसी पदाधिकारियों ने डरा धमकाकर लोगों से बेजा कमाई का जरिया बना लिया है।

पूर्व सभापति द्वय संजय श्रीवास्तव व प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने कहा

पूर्व सभापति द्वय संजय श्रीवास्तव व प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने कहा कि प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में नगर निकायों के अर्थतंत्र को मजबूती देने के ठोस इंतजाम कर उन्हें पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए गए थे। उन्होंने कहा कि राजधानी रायपुर में कोई भी योजना क्रियान्वयन से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है, ऐसी स्थिति में नगर निगम की ग्रीन बांड योजना संदिग्ध है और अगर जनता इनके धोखे पर आकर इस योजना में पैसे लगा भी देती है। तो उस पैसे के सुरक्षित रहने की गारंटी कौन लेगा यह तय नहीं है।