रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh assembly election) को देखते हुए BJP भारी पैमाने पर 90 विधानसभा सीटों पर पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। इसमें सरगुजा संभाग की 9 सीटों को छोड़कर 60 सीटों पर अभी फिलहाल 38 पर्यवेक्षक लगातार बैठकें ले रहे हैं। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक अभी हाल ही में जारी 21 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की सूची हुई है। ऐसे में खबर है कि कुछ सीटों पर गुटबाजी और अंतरकलह के हालत हैं। इसे डैमेज कंट्रोल करने के लिए बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने एक नया फार्मूला खोज है। वे इन सीटों पर नारज दावेदारों से वन टू वन बैठक कर पूछ रहे हैं, अगर आपको नहीं मिला तो किसे दिया जा सकता है। इसके साथ ही आपके व्यक्तिगत वोट हैं की नहीं। वो जिस भी नाम को बता रहे हैं उसे शार्टलिस्ट किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पांचों सर्वे में भी अगर वह नाम है तो उसे टिकट मिलने की संभावना सबसे अधिक होगी। ऐसे में कोई भी उस उम्मीदवार का विराेध नहीं कर पाएगा। जो भी पदाधिकारी उस उम्मीदवार का नाम नहीं दे रहे हैं, उन्हें भी चिन्हित किया जा रहा है। बाद में उनसे वजह भी पूछी जाएगी कि आपने उम्मीदवार को बेहतर क्याें नहीं माना।
शनिवार को 60 सीटों पर पर्यपेक्षक पहुंचे। उन्होंने सबसे चर्चा कर उस विधानसभा में तीन-तीन नाम का पैनल बनाया है। बाकी बचे नामों को भी शार्टलिस्ट किया गया है। इसके अलावा सरगुजा संभाग की 9 सीटों पर ओम माथुर, नितिन नबीन ने खुद वन टू वन किया।
छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा हुआ है कि हर विधानसभा सीट पर पर्यवेक्षकों की बैठक में तीनों सत्र के संगठन पदाधिकारियों को बुलाया गया है। पहले केवल वर्तमान पदाधिकारियों को बुलाकर ही बैठक की जाती थी। बताया जा रहा है कि एक-एक बैठक में 70-80 पदाधिकारी पहुंच रहे हैं। मंडल, जिले के पदाधिकारियों के अलावा पार्षद और विधानसभा कोर कमेटी भी उपस्थित रह रही है। रविवार को पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट ओम माथुर को सौंप दी है। सोमवार को माथुर इन सभी पर्यवेक्षकों के साथ बैठक कर 69 सीटों पर मंथन करेंगे। बताया जा रहा है दूसरी सूची के लिए पैनल भी तैयार है। पर्यवेक्षकों के सुझाव के बाद इसमें परिवर्तन हो सकता है।
भाजपा में इस बार किसी भी क्षत्रप की नहीं चल रही है। पांच तरह के सर्वे किये गए हैं। हर सर्वे एजेंसी से तीन-तीन नामों का पैनल मांगा गया है। संभाग प्रभारियों से भी हर विधानसभा के तीन प्रबल उम्मीदवारों के नाम मांगे गए हैं। अब पर्यवेक्षकों से भी तीन नाम मांग जाएंगे। जो नाम कॉमन होगा उसके बारे में अलग से खुफिया एजेंसियों से जांच करवाई जाएगी। अगर वह जिताऊ कैंडिडेट होगा तो उसे टिकट दी जाएगी। सूची में एक नाम कॉमन मिलता है, लेकिन पर्यवेक्षकों के पैनल में वह नाम नहीं होगा तो उस सीट पर दोबारा सर्वे करवाया जाएगा।
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