रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव (Anurag Singh Dev) ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने हाथी-मानव द्वंद्व (elephant-human conflict) के मामले में अपने निकम्मेपन और नाकारेपन एक और रिकॉर्ड बनाया है। देश में हाथी प्रभावित राज्यों में सबसे कम हाथी छत्तीसगढ़ में हैं लेकिन हाथियों के हमलों में मारे जाने वाले मासूम व निर्दोष लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा दर्ज़ की गई है। प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने यह बताते हुए कि पिछले तीन वर्षों में हाथियों के हमले में 200 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी है, प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि आख़िर ऐसी स्थिति क्यों है?
अनुराग सिंह देव ने कहा कि देश के हाथी प्रभावित 10 बड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ के 247 हाथियों की तुलना में कई गुना अधिक हाथी हैं। अकेले कर्नाटक में 6 हज़ार हाथी हैं और पिछले तीन साल में वहां हाथी-मानव द्वंद्व में सिर्फ़ 69 लोगों की जान गई है। छत्तीसगढ़ में सबसे कम हाथी होने के बावज़ूद इतनी बड़ी संख्या में जनहानि के मद्देनज़र प्रदेश सरकार पर सवाल उठने लाज़िमी हैं। श्री अनुराग सिंह देव ने कहा कि हाथी-मानव द्वंद्व में मृतकों की यह संख्या छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने वाली है और जनता को इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण मिल गया है कि जनता की जान बचाना प्रदेश की कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। सिहदेव ने कहा कि हाथियों का आतंक कम करने के लिए जितना पैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दे रही है, वह सब प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा लूट लिया जा रहा है। इसीलिए सबसे कम हाथी होने के बावज़ूद जान गँवाने वाले लोगों की संख्या छत्तीसगढ़ में बहुत ज़्यादा है।
सिहदेव ने कहा कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में लेमुरु, कोरबा जैसे वन क्षेत्रों में हाथी और वन्य जीव अभ्यारण स्थापित करने और हाथी व मानव के संघर्षों को कम करने के लिए वाइल्डलाइफ कॉरिडोर से जोड़ने का वादा किया था, लेकिन जमीनी सच्चाई पर प्रदेश सरकार, कांग्रेस नेता और मंत्री अकबर चुप्पी साधे क्यों बैठे हैं? श्री सिहदेव ने कहा कि गजराज योजना और मानव-हाथी द्वंद्व को रोकने के लिए किए गए प्रयास चूँकि शून्य हैं, प्रदेश के वन मंत्री मो. अक़बर ने यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में ऐसा कोई वादा नहीं किया है। श्री सिहदेव ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने अपनी ही पार्टी के घोषणा पत्र का अध्ययन करना अपनी सरकार के पूरे कार्यकाल में न तो जरूरी समझा और न ही उसे गंभीरता से लिया है। श्री सिहदेव ने कहा कि हाथियों और उनके हमलों में मारे जाने वाले लोगों की संख्या को लेकर आई ताज़ा रिपोर्ट प्रदेश सरकार और प्रदेश कांग्रेस के माथे पर कलंक का वह टीका है जो मिटने वाला नहीं है। छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत भी सर्वाधिक हुई है।