कोरबा, छत्तीसगढ़ : कोरबा वन मंडल में हाथियों (elephants) की संख्या 61 तक पहुँच गई है। हाल ही में धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज से 10 नए हाथी यहां आ पहुंचे हैं, जिनकी वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। अब तक, इन हाथियों ने 32 किसानों की फसलें नुकसान पहुंचा दी हैं, जिससे ग्रामीण अपनी फसलों को बचाने के लिए हाथियों को भगाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
वर्तमान में कुदमुरा रेंज में एक दंतैल हाथी अलग घूम रहा है, वहीं करतला रेंज में हाथियों की सबसे अधिक संख्या 52 है। इसमें नवापारा में 20, कोटमेर में 31 और चोरभट्टी में एक दंतैल हाथी शामिल है। इसके अलावा, कोरबा रेंज के घेराव में भी 80 हाथी विचरण कर रहे हैं।
कोरबा वन मंडल का कुदमुरा रेंज धरमजयगढ़ वन मंडल से सटा हुआ है और मांड नदी पार करने पर छाल रेंज का क्षेत्र शुरू हो जाता है। हाथियों को एक क्षेत्र से भगाने पर वे अक्सर कुदमुरा रेंज होते हुए दूसरे रेंज में चले जाते हैं, जिससे समस्या लगातार बनी रहती है।
नवापारा के किसानों ने बताया कि लंबे समय बाद हाथी उनके क्षेत्र में आए हैं और वे दिन के समय भी धान की फसल खा रहे हैं। हालांकि, हाथी गांवों के आसपास नहीं आ रहे हैं। इसके अलावा, कटघोरा वन मंडल में भी 54 हाथी विभिन्न रेंज में घूम रहे हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
वन विभाग की टीम द्वारा हाथियों की निगरानी की जा रही है, लेकिन अभी तक फसलों को होने वाले नुकसान को रोकने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है। ड्रोन कैमरों के जरिए हाथियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि उनके मूवमेंट के आधार पर ग्रामीणों को सतर्क किया जा सके और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने से रोका जा सके।
वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है और हाथियों की गतिविधियों पर निगरानी रखे हुए है। आसपास के गांवों में मुनादी कराई जा रही है ताकि लोग जंगल की ओर न जाएं। साथ ही, जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ है, उनका सर्वे कराकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।