चंद्रशेखर साहू बोले, दीवाली के पहले ‘मोदी’ ने दिया ‘किसानों और कर्मचारियों’ को तोहफा!

पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने गेहूं सहित 6 फसलों के समर्थन मूल्य और केंद्रीय कर्मचारियों के डी ए में

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  • Updated On - October 19, 2023 / 08:38 PM IST

रायपुर। पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू (Former Agriculture Minister Chandrashekhar Sahu) ने गेहूं सहित 6 फसलों के समर्थन मूल्य और केंद्रीय कर्मचारियों के डी ए में चार फीसदी की वृद्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के कर्मचारियों को दीपावली के पहले उपहार दिया है। प्रधानमंत्री ने राखी त्यौहार पर माताओं, बहनों, बेटियों को गैस सिलेंडर की कीमतें घटाकर राहत दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने अब कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है।

पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि एक तरफ भाजपा की केंद्र सरकार कर्मचारियों को लगातार राहत दे रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने 5 साल तक राज्य के कर्मचारियों का शोषण किया है। उत्पीड़न किया है। कर्मचारियों पर मुकदमे दर्ज किए हैं। महंगाई भत्ते के लिए राज्य के कर्मचारियों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया है। जब भाजपा ने कर्मचारियों के हक में दबाव बनाया तब भूपेश बघेल ने मजबूरी में अपनी जेब खोली और दिए बढ़ाया परंतु कर्मचारियों का 4000 करोड़ का एरियर्स उन्हें नहीं दिया उल्टे जब राज्य के कर्मचारी अपना हक़ मांग रहे थे तब भूपेश सरकार कह रही थे कि हमारी हैसियत नहीं है, लेकिन अंततः सत्य यही है कि कांग्रेस सरकार ने पूरे कार्यकाल में कर्मचारियों के साथ धोखेबाजी की, अनियमित कर्मचारियों को ठगा और उन पर अत्याचार भी किया।

पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 के अपने जनघोषणा पत्र में प्रदेश में 10 दिनों के अंदर अनियमित, दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का वादा किया था। सरकार का पूरा कार्यकाल निकल गया लेकिन अभी तक अनियमित में कौन से कर्मचारी आयेंगे उनकी जानकारी सत्यापित नहीं हो पायी। जन घोषणा पत्र में किये हुये वादों को पूरा नही होने पर कमर्चारी अपने हक के लिए विरोध सभा, धरना आंदोलन करते थे तो सत्ता का पॉवर दिखाते हुये कर्मचारियों को झूठे मामले लादकर जेल भिजवाते रहें। क्योंकि कांग्रेस सरकार अपने खिलाफ उठ रही आवाज को सहन नहीं कर पा रही थी। कर्मचारी संघ अपने हक के लिए जब आंदोलन कर रहे थे तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार पुलिस को उनके आंदोलन को कुचलने के लिए भेजकर उन्हें तितर-बितर करने का काम करती रही।

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