PM आवास के लिए BJP ने छेड़ा ‘मिस्डकॉल’ अभियान!

By : madhukar dubey, Last Updated : March 10, 2023 | 2:57 pm

छत्तीसगढ़। BJP ने 15 मार्च को पीएम आवास को लेकर 15 मार्च को विधानसभा का घेराव (siege of assembly) करने जा रही है। इसके लिए बीजेपी ने अपने ट्विटर पर वार छेड़ रखा है। इसके लिए बीजेपी ने अपने ट्विटर पर पोस्टर जारी कर पीएम आवास के वंचित पात्र हितग्राहियों से एक नंबर पर मिस्डकाल करने की अपील की है। साथ ही लिखा है, छत्तीसगढ़ की जनता की एक ही पुकार,मोर आवास मोर अधिकार, रोक के रखे हे भूपेश सरकार!

20 लाख आवासहीन परिवारों का हक छीने बैठी है सरकार

छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री व मोर आवास मोर अधिकार अभियान के प्रदेश संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि चार साल से झूठ पर झूठ बोलते आ रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर विधानसभा में दो झूठ बोले। यह सरकार 16 लाख ग्रामीण और 4 लाख शहरी आवासहीन परिवारों का हक छीनकर बैठी है और हद यह है कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि 1 अप्रैल से 30 जून तक आवासहीनों का सर्वे कराएंगे।

लगता है मुख्यमंत्री जी ने टीएस सिंहदेव का इस्तीफा पढ़ा ही नहीं है। जिसमें उन्होंने 8 लाख आवास ना बना पाने की बात कही थी। आखिर इस सर्वे की क्या जरूरत है। 2011 की सर्वे सूची है। जिसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास मिलना है। 7,81,999 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास मिलना है। सूची सरकार के पास है। न ही तो अपने सहयोगी मंत्री टीएस सिंहदेव से पूछ लें। अगर न हो तो सर्वे सूची मैं दे सकता हूं। उसके बाद भी सरकार अगर सर्वे की बात करेगी तो जब 15 मार्च को भाजपा आवासहीन हितग्राहियों के साथ विधानसभा घेराव करेगी तो सर्वे सूची सरकार को दे देंगे।

प्रदेश भाजपा महामंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री का दूसरा झूठ यह है कि उन्होंने कहा कि अब तक 8,44,000 आवास बन चुके हैं, जो लक्ष्य का लगभग 71 फीसदी है, जो प्राप्त कर लिया है। वह भी सरासर झूठ है। 7,54, 000 आवास भाजपा शासनकाल में स्वीकृत और निर्मित हैं। भूपेश बघेल सरकार ने 88000 प्रधानमंत्री आवास बनने के बाद आवास बनाना बंद कर दिया। इसलिए टीएस सिंहदेव ने 8 लाख आवास न बना पाने का हवाला देकर पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

भाजपा प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ये वह 8 लाख आवास हैं, जो 2011 की सूची के हैं। इनको बनाना है। उसके बाद 2016 की सूची के आवास बनाना है। देश के बड़े राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान में भी 2011 की सर्वे सूची पूरी हो गई और 2016 की सर्वे सूची के आधार पर काम हो रहा है। जिसे आवास प्लस कहा जाता है।

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने 2011 की सर्वे सूची अटका रखी है। 2016 की सर्वे सूची का काम स्वाभाविक रूप से अवरुद्ध है और अब सरकार का बोरिया बिस्तर बंध रहा है तब आवासहीनों का सर्वे कराने की बात कहकर छत्तीसगढ़ के आवासहीन गरीबों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं। गरीबों का मजाक उड़ाया जा रहा है।