BJP लगाएगी ‘धान-किसान’ पर दांव, जानें, मायने
By : madhukar dubey, Last Updated : February 9, 2023 | 11:56 am
नए तरीके से मुद्दों पर काम करने का टास्क भी दिया गया है। आने वाले समय में इनकी समीक्षा भी की जाएगी। नबीन ने सभी प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों को कहा है कि अब मैदान में उतरने की बारी आप लोगों की है। हर जिले में बैठकें लें। प्रकोष्ठों को और मजबूत करें। इस दौरान महामंत्री विजय शर्मा,ओपी चौधरी के अलावा प्रकोष्ठों के प्रभारी और प्रदेश संयोजक भी उपस्थित रहे।
काम करने वालों की ही कदर होगी
बताया जा रहा है कि एक-एक प्रकोष्ठ से मिलते हुए नितिन नबीन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब पार्टी में काम करने वालों की कदर होगी। उन्होंने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि जो काम नहीं कर रहा है, उसे पहले जिम्मेेदारी दें, अगर तब भी वो रुझान नहीं दिखाए तो उसकी पार्टी में कोई जगह नहीं।
सहकारिता प्रकोष्ठ समितियों की कारगुजारियों को करेगा उजागर
सहकारिता प्रकोष्ठ को जिम्मेदारी दी गई है कि वे गांव-गांव जाकर किसानों को यह बताएं कि धान पर सब्सिडी केंद्र देता है। राज्य तो केवल बोनस दे रहा है। इसके अलावा लघुवनोपज समितियों में चल रही गड़बड़ियों को उजागर करें। सहकारी समितियों में नियम विरूद्ध बैठे अधिकारियों की कारगुजारियों को उजागर करें। भंग समितियों को गठित करने के लिए आंदोलन करने की भी रणनीति बनाई गई।
विधि प्रकोष्ठ कोर्ट में सरकार के खिलाफ मजबूती से रखेगा पक्ष
विधि प्रकोष्ठ कोर्ट को कोर्ट में सरकार के खिलाफ मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। नबीन ने पदाधिकारियों को अगले दो महीने में संभाग से लेकर जिलों तक बैठकें पूरा करने का टास्क दिया। साथ ही राजनीतिक मामलों को जल्द सुलझाने के लिए भी कहा। पदाधिकारियों ने बताया कि संभाग स्तर पर बैठकें हो रही हैं। वे तहसील से लेकर हाईकोर्ट तक भाजपा कार्यकर्ताओं के मामलों की नि:शुल्क पैरवी कर रहे हैं।
अधिक से अधिक लगाएं आरटीआई
आरटीआई प्रकोष्ठ को ज्यादा से ज्यादा आरटीआई लगाने और कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की तह तक जाने का टास्क दिया गया। पदाधिकारियों ने अब तक के कामकाज का ब्यौरा भी पेश किया।
पंचायतों से मंगाए आवास का डेटा
भाजपा पीएम आवास के मुद्दे पर शहर के वार्डों से हितग्राहियों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। मोर आवास-मोर अधिकार के सभी जिला संयोजक से उनके पंचायत स्तर तक डाटा मंगवाने के लिए कहा गया। साथ ही वृहद रूप से बड़ा आंदोलन खड़ा करने की रणनीति को बनाई गई। पंचायत प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों को भी इस काम को जोर शोर से पूरा करने का टास्क दिया गया है। साथ ही केंद्र की योजनाओं को पंचायत के हर घर तक तक पहुंचाने का काम दिया गया है।
नगरीय निकायों में करें बड़े आंदोलन
नगरीय निकाय प्रकोष्ठ को निकायों में स्थानीय मुद्दों पर फोकस करने के लिए कहा गया। प्रकोष्ठ को संपत्ति कर बढ़ोत्तरी जैसे मामलों पर मुखर होकर आवाज उठानी है। निकाय के सभी मुद्दों को उठाएं और बड़े आंदोलन करें। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठायें। जनता की परेशानी को समझें और सामने लाएं।