रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों, गैंगरेप की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। प्रदेश में अपराधियों पर पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है, और कांग्रेस के कुशासन के चलते छत्तीसगढ़ अब पूरी तरह अपराधगढ़ बन गया है और प्रदेश जंगलराज कायम हो गया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा है कि भाजपा शीघ्र ही प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव (State President Arun Sao) के नेतृत्व में प्रदेश की राजधानी से लेकर हर शहर-नगर और गाँवों में लगातार बढ़ रहे अपराधों के परिप्रेक्ष्य में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मिलेगी और प्रदेश के कुशासन, बढ़ते अपराधों, महिला असुरक्षा आदि मुद्दों पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ शिकायत करेगी। भाजपा राज्यपाल हरिचंदन (Governor Harichandan) को इस बात से भी अवगत कराएगी कि प्रदेश सरकार अपनी प्रशासनिक क्षमता खो चुकी है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि हम सब जानते हैं कि भारतीय दंड संहिता में सारे अपराधों का उल्लेख है और उसमें सजा का प्रावधान है। मुख्यमंत्री बघेल ने अपने नियम का ऐलान करने के बाद यह मान लिया था कि अब आईएएस-आईपीएस अधिकारी भारत के संविधान का पालन अपराध रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए नए नियम का ऐलान करके शिगूफा छोड़ा था ताकि अपराधी डरें।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि भाजपा ने हमेशा इन बढ़ते अपराधों के प्रति अपनी चिंता से प्रदेश सरकार को लगातार अवगत कराया है, लेकिन प्रदेश की यह भूपेश सरकार इन सब वारदातों से आंखें मूंदे बैठी है। अब मुख्यमंत्री बघेल यह प्रदेश को बताएँ कि क्या प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी अपराधियों व असामाजिक तत्वों से डरी हुई है? अवसर फाउंडेशन के हाल ही सामने आए एक सर्वें का हवाला देते हुए गुप्ता ने कहा कि प्रदेशभर के लोगों से चर्चा के बाद यह निष्कर्ष प्रस्तुत किया है कि 78 फीसदी अभिभावक यह मानते हैं कि छत्तीसगढ़ पहले शांत प्रदेश था, अब तो हमारी बहू-बेटियां, बच्चियां जब भी घर से बाहर जाती हैं तो उनके घर लौटने तक परिवार चिंतित रहता है। शाम और रात को घर की महिलाओं को घर से बाहर भेजने में डर लगता है। गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल नए नियम का ऐलान कर रहे हैं, और उसके बाद भी अपराधों पर काबू नहीं पा सक रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि छत्तीसगढ़ को महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों से मुक्त करने की जरा भी इच्छा शक्ति कांग्रेस की इस प्रदेश सरकार में नहीं है। अब पूरे प्रदेश ने यह मन बना लिया है कि यह सरकार हटेगी तभी छत्तीसगढ़ में फिर से शांति कायम होगी।
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