रायपुर। पूर्व मंत्री एवं विधायक ननकीराम कवंर (MLA Nankiram Kanwar) ने कहा है कि पीएससी घोटाले (Psc Scam) के मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने भूपेश सरकार का काला चेहरा उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी है तब से सभी प्रकार की भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। 2021 की लोक सेवा आयोग राज्य सेवा परीक्षा के परिणाम में जिस प्रकार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, सचिव प्रदेश के अन्य उच्च अधिकारी एवं कांग्रेस पार्टी के नेताओं के परिजन बड़ी संख्या में नियुक्त हुए उससे बेरोजगारों के साथ हो रहे अन्याय का पर्दापाश हो गया है। उन्होंने कहा कि पीएससी घोटाले में माननीय न्यायाधीश ने गंभीर टिप्पणी की है, न्यायालय ने सच सबके सामने ला दिया है। उन्हें व सभी युवा उम्मीदवारों को न्यायालय पर पूरा भरोसा है। श्री कवर ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग माननीय न्यायालय से की है।
उन्होंने कहा कि यह कैसे हो सकता है कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष टामन सोनवानी के 6-6 रिश्तेदार एक साथ कैसे सिलेक्ट हो सकते है? उन्होंने बताया कि इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय से लोक सेवा आयोग में हो रही अनियमितता, धांधली और भाई-भतिजावाद का भांडा फूटने के बाद आयोग इसकी जांच करने के बजाय सबूत को नष्ट करने की कोशिश में लगात है। श्री कंवर ने कोर्ट में प्रस्तुत किए गए अपने हलफनामे में इस बात का उल्लेख किया है कि पीएससी के परिणाम आने के बाद जब विवाद हुआ तब आयोग ने पीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2021 के दस्तावेज जिसमें ओएमआर शीट व उत्तर पुस्तिकाएं शामिल है को रद्दी में बेचने की निविदा जारी कर दी थी।
कंवर ने कहा कि पीएससी में हो रही गड़बड़ियों में जांच करने में प्रदेश की जांच एजेसियां सक्षम नहीं है और प्रदेश सरकार की इच्छाशक्ति भी नहीं है इसलिए सभी परीक्षाओं की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई से कराया जाना चाहिए।
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