बोरे-बासी दिवस: 5 घंटे के कार्यक्रम पर 8 करोड़ खर्च, कांग्रेस शासन में गड़बड़ियों की होगी जांच

By : hashtagu, Last Updated : July 19, 2025 | 12:48 pm

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने अब ‘बोरे-बासी दिवस’ 9Bore Basi Diwas) के आयोजन में हुई गड़बड़ियों की जांच का ऐलान किया है। शुक्रवार को यह घोषणा छत्तीसगढ़ विधानसभा में की गई। इसके तहत एक विशेष समिति गठित की जाएगी, जो इस मामले की जांच करेगी। गौरतलब है कि कांग्रेस के शासनकाल में 1 मई, मजदूर दिवस पर ‘बोरे-बासी दिवस’ मनाया गया था, जिसमें 5 घंटे के कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने अपने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए इस आयोजन में हुए भारी खर्च पर सवाल उठाए।

मूणत ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि सिर्फ रायपुर में बोरे-बासी खिलाने पर 8 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए थे, और वह भी बिना किसी सरकारी निविदा के। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2020 में बिना निविदा के 3 करोड़ रुपये का काम मेसर्स शुभम किराया भंडार से कराया गया था। वहीं, 2023 में बगैर निविदा के 8.32 करोड़ रुपये का काम मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेज से कराया गया था, और यह सिलसिला 2024 में भी जारी रहा।

1 मई 2023 को राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में एक बड़ा सरकारी आयोजन हुआ। यह महज 5 घंटे का कार्यक्रम था, लेकिन इसमें 8.14 करोड़ रुपये खर्च हुए। आयोजन में 50 हजार मजदूर जुटाए गए थे, 35 हजार कुर्सियां लगाई गईं, और 1.10 करोड़ रुपये खर्च कर 6 विशाल डोम बनाए गए थे। मजदूरों के लिए 75 लाख रुपये का खाना तैयार किया गया, 27 लाख रुपये का पानी वितरित किया गया, और 80 लाख रुपये की टोपी बांटी गई।

हालांकि, जब कार्यक्रम की वास्तविकता का पता चला, तो सच्चाई कुछ और ही थी। मजदूरों की संख्या महज 15 हजार थी, पानी की बोतलें 5 रुपये की जगह 18 रुपये में खरीदी गईं, डोम की संख्या 6 की बजाय 4 थी, और 150 अतिथियों को दिए गए 10-10 हजार रुपये के मोमेंटो की असली कीमत सिर्फ 4 हजार रुपये थी।

यह पूरा मामला अब जांच के दायरे में है, और इस पर सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।