रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री विश्वदेव साय (Vishnu Deo Sai) जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट विस्तार सोमवार (18 अगस्त) को हो सकता है। शनिवार शाम मुख्यमंत्री साय ने राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात की, जिसे शपथ ग्रहण से पहले की औपचारिकता माना जा रहा है।
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से 14 मंत्रियों वाली कैबिनेट को मंजूरी मिल गई है। इसमें दो संगठन के नेताओं और एक RSS समर्थित नाम को शामिल किए जाने की संभावना है। साथ ही मौजूदा मंत्रियों के विभागों में बदलाव नहीं होगा, जिससे पहले की फेरबदल की अटकलों पर विराम लग गया है।
मुख्यमंत्री साय गुरुवार को जापान और दक्षिण कोरिया दौरे पर जाने वाले हैं, इसलिए मंत्रियों का शपथग्रहण इससे पहले निपटाया जाना जरूरी है। खुद साय ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “इंतजार करते रहिए, कभी भी हो सकता है।”
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार का तरीका हरियाणा मॉडल जैसा हो सकता है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सदस्य हैं और संविधान के अनुसार 15% यानी 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में साय कैबिनेट में 11 मंत्री हैं। वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल के रायपुर से सांसद चुने जाने के बाद एक स्थान खाली हुआ था। अब तीन नए मंत्रियों की नियुक्ति के साथ संख्या 14 हो जाएगी।
जातीय संतुलन, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और संगठनात्मक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए जिन नेताओं के नाम चर्चा में हैं, वे हैं:
अमर अग्रवाल (बिलासपुर) – पूर्व में तीन बार मंत्री रह चुके हैं
अजय चंद्राकर (रायपुर) – अनुभवी पूर्व मंत्री
गुरु खुशनवंत साहेब (अरंग विधायक) – दलित समाज से आते हैं
गजेन्द्र यादव (दुर्ग) – RSS से जुड़े हुए नेता
राजेश अग्रवाल (अंबिकापुर) – वैश्य समाज से हैं, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव को हराया था
कैबिनेट विस्तार से पहले भाजपा नेतृत्व पूरी तरह सक्रिय है। क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की जा रही है। सभी की निगाहें सोमवार पर टिकी हैं, जब छत्तीसगढ़ को नया राजनीतिक चेहरा मिल सकता है।