छत्तीसगढ़। (Hindu nation declared) हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए छत्तीसगढ़ की धरती से शंखनाद होगा। विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के अनुषांगिक संगठन मिलकर एक महत्वपूर्ण पद यात्रा निकालने जा रहे हैं। इसे नाम दिया गया है हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा। 18 फरवरी शनिवार के दिन महाशिवरात्रि से इसकी शुरूआत होगी। यात्रा में देशभर से 500 से ज्यादा संत जुटेंगे, जो छत्तीसगढ़ की अलग-अलग जगहों से यात्राएं निकालेंगे।
पैदल चलते हुए संत आम लोगों से मिलते-जुलते आगे बढ़ेंगे। धर्म की बात होगी, हिंदुत्व की चर्चा होगी और उसके बाद 19 मार्च को रायपुर में एक बड़ी धर्म सभा का आयोजन किया जाएगा। हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा 18 फरवरी को चार अलग-अलग इलाकों से शुरू होगी ।
पहली यात्रा मां महामाया यात्रा रामानुजगंज से शुरू होगी, इसके बाद मां चंद्रहासिनी यात्रा सगोरा आश्रम जशपुर से शुरू होगी, मां दंतेश्वरी यात्रा दंतेवाड़ा से और मां बम्लेश्वरी यात्रा मोहला से शुरू होगी। इन जगहों से होकर सभी संभागों के 34 प्रमुख जिलों से होती हुई रायपुर आएगी। संत 700 किलोमीटर का सफर 1 महीने में पूरा करेंगे।
इस संत पदयात्रा के सह संयोजक विश्व हिंदू परिषद के चंद्रशेखर वर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया कि धर्म सभा के मौके पर संत भारत को संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित करने की अपील करेंगे। पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती पहले ही भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की यात्रा शुरू कर चुके हैं । इस धर्म सभा के साथ भारत को हिंदू राष्ट्र का दर्जा देने की मांग और प्रबल होगी।
छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की पहली संत पदयात्रा में विश्व हिंदू परिषद देश के तमाम संतों को जुटाने की कोशिश कर रहा है। देश के सभी शंकराचार्य से भी विश्व हिंदू परिषद संपर्क कर रहा है, जल्द ही उनकी तारीखें इस कार्यक्रम के लिए मिल जाएंगी। अखिल भारतीय संत समिति के प्रमुख संत इस पदयात्रा में शामिल होंगे, जिनमें हरिद्वार के ज्ञानेश्वरानंद महाराज, मुंबई से स्वामी चिन्मयानंद, राजीव लोचन दास महाराज, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी अखिलेश्वरानंद, जितेंद्रानंद, अविचल दास और रायपुर के संत युधिष्ठिर लाल जैसे संत इस यात्रा में प्रमुख रूप से शामिल होंगे।