CG Election Reparation : मॉनिटरिंग के लिए ‘कांग्रेस-BJP’ का वार रुम! समझें कैसे करेंगे काम

विधानसभा चुनाव में फेक न्यूज और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए तस्वीरों और वीडियो से होने वाली छेड़छाड़ राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती है।

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  • Updated On - September 22, 2023 / 12:19 PM IST

रायपुर। विधानसभा चुनाव (CG Assembly Elections ) में फेक न्यूज और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए तस्वीरों और वीडियो से होने वाली छेड़छाड़ राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती है। इसे देखते हुए भाजपा और कांग्रेस (BJP and Congress) इन चुनाैतियों से निपटने की तैयारी में जुटी हुई हैं। दोनों दलों ने बाकायदा इसके लिए मॉनिटरिंग, रिसर्च और फैक्ट चेक टीम तैयार की है।

भाजपा हर दिन राज्य से लेकर बूथ स्तर पर करती है ऑनलाइन मीटिंग

सोशल मीडिया स्ट्रेटजी बनाने से लेकर फेक न्यूज और दूसरे दलों या लोगों के दुष्प्रचार से निपटने के लिए भाजपा ने अलग रणनीति तैयार कर रखी है। हर दिन सोशल मीडिया टीम से प्रदेश से लेकर विधानसभा और बूथ स्तर पर गठित टीम ऑन लाइन मीटिंग करती है। किस विधानसभा में विरोधी दल किस मुद्दे को लेकर आक्रामक है। इसके लिए वो किस तरह के कार्टून, वीडियो, तस्वीरें जारी कर रहा है। इन सब पर बात होती है। इसके अलावा राजधानी में अलग से एक मॉनिटरिंग और रिसर्च टीम भी है, जो इन तथ्यों की पड़ताल करती है।

फैक्ट चेक के लिए चार की टीम

भाजपा के सोशल मीडिया पदाधिकारियों का कहना है कि जैसे ही कोई गलत फैक्ट हो या फिर ए- आई तकनीक का उपयोग की गई तस्वीर और वीडियो हो। उसे फैक्ट चेक टीम/ रिसर्च टीम के पास भेजा जाता है। वे तथ्यों की पड़ताल करते हैं और सही तथ्यों की जानकारी देते हैं। ए- आई तकनीक की चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी चार लोगों की टीम को दी गई है। वे इमेज या वीडियो को रिवर्स इमेज चेक प्रोसेस से चेक करते हैं और इसके बाद सही तथ्य को सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाता है ताकि कार्यकर्ताओं तक सही जानकारी पहुंच सके।

हर दिन दिल्ली जाती है रिपोर्ट

कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं की सोशल मीडिया एक्टिविटी की हर दिन दिल्ली के स्तर पर भी मॉनिटरिंग होती है। इसके अलावा विरोधी दलों की भी एक्टिविटी की माॅनिटरिंग होती है। दिल्ली की मॉनिटरिंग टीम कंपाइल रिपोर्ट हर माह राज्यों के साथ शेयर करती है। साथ ही ऑनलाइन मीटिंग के जरिए फेक न्यूज और ए – आई तकनीक के स्तर पर मिल रही चुनौतियों पर भी चर्चा होती है। बता दें कि हर दिन की एक्टिविटी को प्रदेश भाजपा की सोशल मीडिया टीम दिल्ली मुख्यालय के साथ शेयर करती है।

90 विस में निर्देश, 8 लोगों की टीम वार रूम से करती है फैक्ट चेक

इधर कांग्रेस ने भी फेक न्यूज की मॉनिटरिंग के लिए राजधानी स्थित वार रूम में 8 से 10 लोगों की टीम तैनात कर रखी है। सभी लगातार सोशल मीडिया पर चल रहे न्यूज की मॉनिटरिंग करते हैं। इसके अलावा प्रदेश के सभी 90 विधानसभा में तैनात सोशल मीडिया टीम के सदस्यों को विशेष निर्देश दिया गया है कि कहीं पर भी यदि पार्टी विरोधी काेई ऑडियाे, वीडियो या मैटर पोस्ट हो तो उसकी जानकारी तत्काल वार रुम में तैनात तकनीकी टीम के देवें। सूचना मिलते ही तकनीकी टीम इसकी फैक्ट चेक करती है।

250 से ज्यादा की टीम

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अत्याधुनिक वार रूम तैयार कर ली है। इसमें आईटी और टेक्नीकल एक्सपर्ट्स की 250 से ज्यादा लोगों की टीम तैनात की गई है। जो 24 घंटे, सातों दिन लगातार काम करेंगे। बताया गया है कि चुनाव के दौरान बड़े नेताओं के भाषण और बयानों के कुछ अंश काटकर ​तेजी से वायरल किए जाते हैं। ऐसे वायरल मैसेज और वीडियो के पकड़ने के लिए टीम के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। ऐसे ​वीडियो के वायरल होते ही इसकी पूरी जांच-पड़ताल कर तथ्यों के साथ इसे जारी कर दिया जाएगा।

ब्रॉड कॉस्टिंग पर पूरी नजर

कांग्रेस वार रूम की टीम के पास प्रदेश के ब्राड कास्टिंग और व्हाट्सएप ग्रुप पर पूरी नजर है। यदि किसी ग्रुप में पार्टी की छवि खराब करने वाले वीडियो या मैसेज डाले जाएंगे तो मैसेज डालने वाले तक पहुंचकर उसे आईटी ​कानून के बारे में जानकारी दी जाएगी। यदि मैसेज डालने वाला उसे डिलीट कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।

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