रांची। छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग (Excise Department) में हुए तथाकथित घोटाले की जांच का दायरा अब झारखण्ड तक पहुंच गया है। पिछले साल ही झारखंड सरकार (Government of Jharkhand) ने एक्साइज की नई पॉलिसी लागू की थी और इसके लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के साथ करार करते हुए उसे कंसल्टेंट नियुक्त किया था। इसी के मद्देनजर ED ने झारखंड के एक्साइज डिपार्टमेंट के सचिव विनय कुमार चौबे और आयुक्त करण सत्यार्थी को नोटिस जारी किया है। इन अधिकारियों से इस करार के बारे में अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
ED की छत्तीसगढ़ इकाई जिस शराब घोटाले की जांच कर रही है, उसमें CSMCL के तत्कालीन एमडी अरुण पति त्रिपाठी और उनके सहयोगी सिद्धार्थ सिंघानिया की अहम भूमिका बताई जा रही है। ED झारखंड सरकार के एक्साइज सेक्रेटरी और उत्पाद आयुक्त से यह जानना चाहती है कि झारखंड में शराब बिक्री की पॉलिसी में इन दोनों शख्स की क्या भूमिका रही है? सूत्र बताते है कि ED ने त्रिपाठी और सिंघानिया पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में जल्द ही कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है। संभवतः इसी आशंका के चलते त्रिपाठी लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। उनकी जगह आबकारी विभाग के अपर आयुक्त राकेश कुमार मंडावी को CSMCL के एमडी का प्रभार सौंपा गया है। इधर ED ने झारखंड के 2 बड़े अफसरों को पूछताछ के लिए रायपुर तलब किया है।