CG-Political Story : चुनावी मौसम में ‘छाई मुद्दों’ की घटाएं! वोटों के ‘बारिश’ की आस में BJP-कांग्रेस

By : hashtagu, Last Updated : March 23, 2024 | 3:58 pm

रायपुर। लोकसभा चुनाव-2024 की जंग छिड़ी चुकी है। ऐसे में देश ही नहीं छत्तीसगढ़ की सियासी मौसम में चुनावी मौसम में मुद्दों (Issues in election season) की घटाएं छाई हुई है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि बीजेपी-कांग्रेस (BJP-Congress) को कितने वोट हासिल होते है। क्या बीजेपी अपने 11 लोकसभा सीटों पर क्लीन स्वीप कर पाएगी। वहीं कांग्रेस के लिए भी बड़ी चुनौती है अपनी जनघोषणाओं से वोटरों को लुभाना। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी मुद्दों की गूंज अब गांव-शहर, चौक-चौराहों पर सुनाई देने लगी है। राजनीतिक पार्टियां इस चुनाव में देश, प्रदेश और लोकसभा क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों के अलावा अपनी ‘गारंटी’ के साथ लोगों के बीच जाएंगे।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी चुनाव से पहले विशेष रूप से किसानों से किए गए वादों को पूरा करने के बाद ‘मोदी फैक्टर’ पर भरोसा करते हुए पिछले विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन को जारी रखना चाहती है, जबकि कांग्रेस लोकसभा चुनावों में बढ़त हासिल करने की उम्मीद कर रही है। इलेक्टोरल बांड, किसानों के मुद्दे, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और जाति जनगणना जैसे मुद्दे लेकर कांग्रेस जनता के बीच जाएगी।

  • विधानसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी 11 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।

लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि 2000 में राज्य के गठन के बाद छत्तीसगढ़ में 2004, 2009, 2014 और 2019 के चार संसदीय चुनावों में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।

भाजपा ने तीन बार 2004, 2009 और 2014 में 11 में से 10 लोकसभा सीटें जीती थीं। 2018 के विधानसभा चुनावों में गंभीर हार का सामना करने के बावजूद, भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में 11 में से 9 सीटें जीतने में सफल रही। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की लड़ाई कांग्रेस के लिए एक बार फिर कठिन होती दिख रही है।

लोकसभा चुनाव में बीजेपी के देशव्यापी मुद्दे

मोदी की गारंटी – देशभर में बीजेपी ‘मोदी की गारंटी’ का जोर-शोर से प्रचार कर रही है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी के संकल्प पत्र में शामिल वादों को भी मोदी की गारंटी बताया गया। किसानों, युवाओं, महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को इसमें शामिल की गया है। लोकसभा में भी यही गारंटी काम करने की उम्मीद जताई गई है।

  • मोदी की गारंटी के पोस्टर देशभर में लगाए गए हैं वहीं पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मंचों से भी इसका बखान कर रहे हैं।

धारा 370 और CAA- अब तक हुए आम चुनावों में धारा 370 हटाना और CAA लागू करना बीजेपी की प्रमुख घोषणाओं में शामिल रहा है। सरकार आने के बाद इन घोषणाओं को पूरा भी किया गया है। बीजेपी इसके जरिए ये बताने की कोशिश करेगी कि मोदी सरकार ने जो कहा, वो किया।

राम मंदिर का मुद्दा – देश में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पूरे देश में उत्साह देखने को मिला। बीजेपी ने इस सदियों पुराने सपने को साकार करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया और राम मंदिर के मुद्दे का प्रचार बीजेपी जोर-शोर से करेगी।

  • विकसित भारत – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश का लक्ष्य एक विकसित राष्ट्र बनना है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार 2047 तक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। चुनाव अभियान के दौरान ये प्रमुख मुद्दों में से एक होगा

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के देशव्यापी मुद्दे

कांग्रेस की ‘न्याय गारंटी’ – लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने युवाओं, किसानों, महिलाओं, श्रमिकों और आदिवासी समुदाय के लिए न्याय सुनिश्चित करने के मकसद से 5 ‘न्याय गारंटी’ की बात की है। मणिपुर से मुंबई तक राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान लोगों के सामने ‘न्याय की गारंटी’ पेश की गई है और कांग्रेस का घोषणापत्र भी इन गारंटी के इर्द-गिर्द तैयार किए जाने की संभावना है।

  • बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी –
  • कांग्रेस देश में जरूरी चीजों की बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी पर बड़े पैमाने पर निशाना साध रही है। नौकरियों की कमी के मुद्दे पर भी लगातार सरकार को घेरने में कांग्रेस लगी हुई है।
  • इलेक्टोरल बॉण्ड मामला-
  • कांग्रेस ने इलोक्टोरल बॉण्ड में कथित भ्रष्टाचार के लिए बीजेपी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से उच्च स्तरीय जांच और उसके बैंक खातों को ‘फ्रीज’ करने की मांग की है। चुनाव से ठीक पहले यह मुद्दा सामने आया है और विपक्ष इसे भुनाने में लगा हुआ है।

महिलाओं को सालाना 1 लाख – कांग्रेस ने अपनी गारंटी में महिलाओं को सालाना 1 लाख रुपए देने का वादा किया है। जिसका प्रचार कांग्रेस के प्रत्याशी सभी लोकसभा सीटों पर कर रहे हैं।

किसानों के मुद्दे और एमएसपी की कानूनी गारंटी –

चुनाव किसानों का आंदोलन भी चर्चा में हावी रहने की संभावना है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने किसानों के साथ ”विश्वासघात” किया है। कांग्रेस ने किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा किया है।

ट्रेनों का परिचालन – देश में ट्रेनों के परिचालन में अनियमितता को कांग्रेस मुद्दा बना रही है। ट्रेनों को रद्द करने और लेटलतीफी से परेशान यात्रियों के बीच जाकर कांग्रेस नेता सरकार आने के बाद व्यवस्था बहाल करने की बात कह रहे हैं।

जाति आधारित जनगणना – राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जातीय जनगणना को मुद्दा बनाया। यहां ओबीसी, आदिवासी और अनुसूचित जनजाति वर्ग को उनका हक नहीं मिलने की बात राहुल कहते रहे, जो इस समय कांग्रेस के लिए बड़ा मुद्दा है।

चुनाव में छत्तीसगढ़ से जुड़े बीजेपी मुद्दे

भ्रष्टाचार के मामले – छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टेबाजी ऐप, कोयला परिवहन मामला, DMF घोटाला, चांवल कस्टम मिलिंग और शराब से जुड़े कथित घोटालों का मुद्दा लोकसभा में कांग्रेस उठा रही है। इन सभी मामलों की जांच ईडी ने की है और कुछ मामलों में EOW ने एफआईआर भी दर्ज की है। ऐसे में पिछली सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों को बीजेपी इस चुनाव में उठा रही है।

पीएससी घोटाला – छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की राज्य सिविल सेवा परीक्षा में तत्कालीन अफसरों और नेताओं के बच्चों के सिलेक्शन पर भी सवाल खड़े हुए हैं। जिसे विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने उठाया और कांग्रेस सरकार पर युवाओं का भविष्य बर्बाद करने का आरोप भी लगाया। मामले में एफआईआर भी हो चुकी है और अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस मुद्दे पर बीजेपी फिर आक्रामक रहेगी।

वामपंथी उग्रवाद-

छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल में संदिग्ध नक्सलियों ने अब तक 8 बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी। इनमें से दो घटनाएं इसी महीने (मार्च) में हुईं। बीजेपी ने हत्याओं को “लक्षित” हत्याएं करार दिया है। विधानसभा चुनावों के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले पांच वर्षों में इस खतरे को खत्म करने का वादा किया था।

धर्मांतरण-मतांतरण –

  • विधानसभा में बीजेपी ने धर्मांतरण और हिन्दुत्व के मुद्दे को उठाया था। प्रदेश की कई सीटों पर ये मुद्दा काम कर गया। लोकसभा चुनाव में भी इस मुद्दों को लेकर बीजेपी पिछली कांग्रेस सरकार पर हमलावर है।

चुनाव में छत्तीसगढ़ से जुड़े कांग्रेस के मुद्दे

पिछली सरकार की योजनाओं को बंद करना – गोबर खरीदी की गोधन न्याय योजना, राजीव युवा मितान क्लब जैसी योजनाओं को नई सरकार ने बंद कर दिया। गोबर खरीदी जैसी योजनाओं से लोगों को सीधे पैसा मिल रहा था। इस योजना को बंद किए जाने का मुद्दा प्रदेश में कांग्रेस उठा रही है।

धान-किसान – पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार हमेशा से अपने को किसानों और मजदूरों की सरकार बताती रही। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी दी गई। हालांकि बीजेपी ने 3100 रु. धान का मूल्य देकर इसका तोड़ ढूंढ लिया है।

  • नई सरकार का कार्यकाल – छत्तीसगढ़ में बीजेपी की नई सरकार को बने अभी महज 3 महीने ही हुए हैं लेकिन इसके बावजूद इन तीन महीनों की विफलता को जनता के सामने लाने की कवायद कांग्रेस कर रही है।

राम मंदिर के सामने राम वनगमन पथ – राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ बनाने के श्रेय ले रही है। साथ ही बीजेपी पर आरोप भी है कि 15 साल सरकार रहने के बावजूद उन्होंने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया। नारी न्याय योजना के तहत महिलाओं को लखपति बनाने की घोषणा कांग्रेस ने की है।

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