रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव ( Chhattisgarh Municipal body and panchayat elections) में बाजी मारने के लिए ‘बीजेपी-कांग्रेस’ (BJP-Congress) में होड़ मचेगी। इसके लिए भले सार्वजनिक रूप से तैयारी न दिखे लेकिन इन दोनों पार्टियों के संगठनों में अंदरखाने अपनी-अपनी तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए संगठन को रिव्यू करने की कवायद भी जारी है।
- फिलहाल बीजेपी की तैयारी के लिहाज से कांग्रेस से आगे दिखती नजर आ रहा है। पर हकीकत है कि कांग्रेस भी अपनी चुनावी तैयारियों को लेकर रणनीति बनाने में कहीं से कमतर नहीं है। इसके लिए जहां कांग्रेस में संगठन स्तर में कुछ बदलाव हो सकते हैं। इसके पीछे कारण है कि कांग्रेस असंतुष्टों को साधने के लिए संगठन की मुख्य धारा में लाने की तैयारी है। ताकि आगामी निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान बीजेपी को आगे बढ़ने से रोका जा सके है। इधर अगर बीजेपी संगठन में चल रही गतिविधियों को देखा जाए तो पता चलता है कि अपने कार्यकर्ताओं को साधने के लिए लगातार राज्य और शीर्ष नेतृत्व का पूरा फोकस है। इसके मद्देनजर कार्यकर्ताओं और भाजपा के संयुक्त प्रकोष्ठों की बैठक के माध्यम से उनकी ऊर्जा बनाए रखने और बढ़ाने की कोशिश है। इसके नतीजे भी भाजपा संगठन को सकारात्मक दिख रहे हैं।
यही वजह भी रही है कि आज भाजपा के संयुक्त प्रकोष्ठाें के माध्यम से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव सिंह ने कहा है कि हम अपने पिछले लक्ष्य को पार करें और पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक भाजपा की सरकार बने, यह हमारे लिए एक अवसर है। देव ने कहा कि हमारे लिए सदस्यता अभियान संगठन महापर्व है। राजनीतिक दल के रूप में हम काम करते हैं और इसलिए इस अभियान में हम यह संदेश देने में सफल रहेंगे कि भाजपा पार्टी विथ डिफ्रेंस है जिसमें आंतरिक लोकतंत्र है, उसका अपना संविधान है, उस व्यवस्था के तहत कार्यक्रम और विचार लेकर हम जनता के बीच जाते हैं। इसलिए भाजपा कार्यकर्ता और कार्यक्रम आधारित दल है।
- गौरतलब है कि भाजपा सदस्यता अभियान संगठन महापर्व बनाने जा रही है। इसके माध्यम से भाजपा नए सदस्यों को जोड़ने के लिए अभियान छेड़ने जा रही है। इसके जरिए भाजपा गांव-गांव और नगर के वार्ड-वार्ड जाएगी। इसके माध्यम से भाजपा एक पंथ दो काज के सिद्धांत पर काम करेगी। एक तरफ जहां नए सदस्य जोड़ेगी तो दूसरी ओर पीएम मोदी और विष्णुदेव साय की डबल इंजन की सरकार के कामकाज और सुशासन के मिल रहे फायदे को लेकर भाजपा जनता के बीच जाएगी।
- भाजपा इसके अलावा कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान निकाय और पंचायत के विकास कार्यों के दौरान हुए तमाम गड़बडि़यों और घोटाले को लेकर जनता के बीच जाएगी, यानी पूरा पैटर्न विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह ही होने वाला है। इसके पीछे भाजपा की मंशा है कि निकायों की सभी सीटों पर क्लीन स्विप कर सके। यही कारण भी है कि सदस्यता अभियान में इस बार विधायकों और सांसदों के लिए भाजपा ने टारगेट तय कर दिए हैं। 8 महीने की विष्णुदेव साय सरकार के कामकाज के तौर तरीके और मोदी की गारंटियों के पूरा होने का डंका प्रदेश में बज रहा है। ऐसे में कांग्रेस के लिए निकाय और पंचायत चुनाव में शत-प्रतिशत सफलता पाना टेढ़ीखीर साबित होगी।
- फिलहाल, कांग्रेस के पास निकाय और पंचायत चुनाव से पूर्व अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए ईडी और EOW के छापे का मुद्दा उठाएगी। साथ ही वर्तमान में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी और इसी मामले में पूर्व सीएम भूपेश के काफिले को रोके जाने का मुद्दा , इस समय गरमाया हुआ है। जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस को विश्वास है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन से इतर निकाय और पंचायत चुनावों में अच्छे परिणाम सामने लाएगी। लेकिन अभी इतने कम समय में जो भी जनमुद्दे आ रहे हैं,वह कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान के हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए आगामी चुनाव की लड़ाई कांग्रेस की अपेक्षा कम चुनौतीपूर्ण है।
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