रायपुर। पूरे शरीर में राम नाम का गोदना, सिर पर मोरपंख का मुकुट धारण किए और राम नाम लिखा वस्त्र पहनकर रामभक्ति की अलख जगाते रामनामी (Ramnami) लोगों में रामभक्ति की अनोखी परंपरा है। ऐसे ही अनुयायियों का दल राजिम कुंभ मेला (Rajim Kumbh Mela) में पहुंचा है।
ऐसा माना जाता है कि रामनामी संप्रदाय को मानने वाले लोगों के रोम-रोम में राम बसते हैं। इसीलिए अनुयायियों के पूरे शरीर में रामनाम का गोदना बना होता हैं। उनका कहना है कि प्रत्येक मानव में राम का वास होता है। इसलिए हम उन्हें राम-राम कहकर संबोधित करते हैं और भगवान श्रीराम को याद करते हैं। इस पंथ को मानने वालों में 40 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को ही स्वीकार किया जाता है। इनका पूरा जीवन राम के लिए समर्पित होता है। राम नाम को ही अपने जीवन का एकमात्र आधार मानते हैं और उनके प्रति अपने श्रद्धा-भक्ति से अपने पूरे शरीर में राम नाम का गोदना गुदवाकर प्रकट करते हैं। हर समय ये राम नाम का जाप करते हैं। इनके पांच प्रमुख प्रतीक होते हैं शरीर पर राम नाम, घुंघरू बजाना, मोर पंख से बना मुकुट पहनना, सफेद कपड़ा धारण कर और भजन कीर्तन से वे सृष्टि के कण-कण में राम को देखते हैं।
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