छत्तीसगढ़। (golden book of world record) शिव ही सत्य है, शिव ही सुंदर। सत्यम शिवम सुंदरम। पौराणिक धरा दंडकारण्य यानी छत्तीसगढ़ का कण-कण शिव की भक्ति में बम-बम रही। जहां मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें थी। वहीं महाशिवरात्रि पर क्या नगर, क्या शहर हर जगह उत्सव का माहौल था। कहीं (Shivbaraat) शिवबारात निकली तो कहीं शिव जागरण हुआ। इन सबके के बीच छत्तीसगढ़ की इस्पात नगरी भिलाई में शिव बारात के विहंगम नजारे और उसे देखने के लिए उमड़ी लाखों की भीड़ ने इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करा दिया।
बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति बाबा भोले नाथ की अनोखी बारात निकाली। वहीं दूसरी तरफ एमआर लेआउट में अभिलिप्सा पांडा ने शिवमय गीतों से लोगों का मन मोह लिया। इसके साथ ही पूरे शहर में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए। बाबा भोलेनाथ की बारात ने इस बार फिर से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड अपने नाम किया।
खुर्सीपार भिलाई में बाबा भोलेनाथ की ऐसी बारात निकाली कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स वाले भी हैरान रह गए। लाखों भक्तों की संख्या में भिलाई, दुर्ग सहित दूसरे जिलों व प्रदेश से भक्त बारात में शामिल होने आए। बाबा की बारात हर साल की तरह महाशिवरात्रि की शाम इंदिरा नगर हथखोज से शुरू हुई। इसके बाद ये ट्रांसपोर्ट नगर रोड, केनाल रोड, बोल बम चौक, नंदी तिराहा होते हुए जोन 1 व जोन 2 एप्रोच रोड से निकलकर दुर्गा मंच पर समाप्त हुई। यहां शिव पार्वती का काल्पनिक विवाह कराकर भगवान का आशीर्वाद लिया गया। इस दौरान बाबा की बारात का स्वागत करने के लिए भी जनप्रतिनिधियों का तांता लगा रहा। खुर्सीपार स्थिति केनाल रोड के जीरों प्वाइंट पर भाजपा के कई दिग्गज नेता पहुंचे और बारात का स्वागत किया।
15 सालों से लगातार निकाली जा रही बाबा की बारात में इस बार इस बार छत्तीसगढ़ सहित देशभर की 131 झांकियों को शामिल किया गया है। इसमें दुर्ग, बेमेतरा, कवर्धा, मुंगेली, भाटापारा, जांजगीर चांपा, जगदलपुर, कांकेर आदि क्षेत्रों से झांकियां पहुंची। बारात में बड़ी संख्या में लोग शिव पार्वती, भूत पिशाच, देव दानव व बंदर भालू की वेशभूषा में नाचते हुए दिखे। विशाल झांकी के साथ पावर जोन डीजे विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। हरियाणा और दक्षिण भारत से आई झांकियों ने लोगों को खूब आकर्षित किया। इन झांकियों में राम रथ, राम रावण युद्ध, गंगा अवतरण, भोले बाबा का अघोरी रूप, भूतों की मंडली, भगवान गणेश द्वारा मातृ पितृ पूजन, त्रिदेव (ब्रह्मा-विष्णु-महेश) के दर्शन हुए। झांकियों के साथ भगवान भोलेनाथ का पार्थिव शिवलिंग भी दिखा।