डेमोग्राफी का चेंज होना ‘भारत की एकता’ के लिए बहुत बड़ा खतरा !-डिप्टी CM विजय शर्मा ने दागे सवाल …VIDEO
By : hashtagu, Last Updated : May 10, 2024 | 4:26 pm
हिंदू की सहिष्णुता के कारण ही अल्पसंख्यक समुदाय फल-फूल रहा है, हमें इसकी खुशी भी है, लेकिन हिंदुओं की संख्या कम हो जाए, यह भी चिंता का विषय है क्योंकि हिंदुओं की संख्या कम होने से देश में अराजकता आएगी : शर्मा
रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री/गृह मंत्री विजय शर्मा (Home Minister Vijay Sharma) ने देश व प्रदेश की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) में आ रहे बदलाव पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि डेमोग्राफी का चेंज (Change of demography) होना भारत की एकता के लिए बहुत बड़ा खतरा है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में उल्लिखित आँकड़ों के मद्देनजर श्री शर्मा ने कहा कि सामान्यत: जनसंख्या में ऐसी बढ़ोतरी नहीं होती, इसलिए इसमें कितनी संख्या में घुसपैठिए हैं, इस पर भी विचार किया जाना बहुत आवश्यक है। श्री शर्मा ने कहा कि इसको स्पष्ट करना होगा कि किन-किन क्षेत्रों में ऐसा हो रहा है?
- प्रदेश के उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि डेमोग्राफी का चेंज होना किसी भी स्थान के लिए बहुत बड़ा खतरा होता है। हिंदुओं की सहिष्णुता आदिकाल से पूरी दुनिया के सामने ही स्थापित है। हिंदू की सहिष्णुता के कारण ही यहाँ पर सारा अल्पसंख्यक समुदाय फल-फूल रहा है और हमें इसकी खुशी भी है, लेकिन हिंदुओं की संख्या कम हो जाए, यह भी चिंता का विषय है। हिंदुओं की संख्या कम होने से देश में अराजकता आएगी।
शर्मा ने कहा कि हिंदुओं की संख्या जिस अनुपात में 7.8 प्रतिशत घटी हुई बताई जा रही है तो यह विचारणीय है कि कितने करोड़ों में यह संख्या आएगी और जो जनसंख्या बढ़ी है, वह लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ी है। तो यह कितनी बड़ी बात है! इतनी जनसंख्या सामान्यतया नहीं बढ़ सकती। यह एक गंभीर प्रश्न है कि अगर इस अनुपात में आबादी बढ़ी है तो यह कैसे बढ़ी है? कितनी घुसपैठ हो गई है? इसको स्पष्ट करना होगा कि किन-किन क्षेत्रों में ऐसा हो रहा है? उसकी स्पष्टता पर जाना होगा और उसके बाद वहाँ पर सारा जनमानस तैयार होना चाहिए।
- इस विषय की गंभीरता को सभी को समझना होगा, अन्यथा भारत ऐसे ही विभाजन के दंश झेल चुका है। डेमोग्राफी का यह बदलाव भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा है। श्री शर्मा ने कहा कि कोई सामान्य प्रक्रिया में इतनी जनसंख्या इतनी जल्दी नहीं बढ़ सकती है। इसमें बहुत सारी चीजें हैं जो जिम्मेदार हैं। इसलिए यह कहना बेमानी है कि चुनाव के समय ऐसा क्यों बोला जा रहा है? इस विषय पर चुनाव के समय क्यों नहीं बोलना चाहिए? कोई भी विषय हो, चुनाव के समय बोलना है या नहीं बोलना है, ऐसा नहीं होता है। जो आवश्यक है, वह बोला जाए और इसमें कोई संशय नहीं है।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की एक स्टडी से पता चला है कि भारत में 65 साल के दम्यान हिंदुओं की आबादी घट गई है। देश में 1950 और 2015 के बीच बहुसंख्यक धर्म वाले हिंदुओं की आबादी 7.8% घट गई है। 1950 में भारत की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी 84% थी 2015 तक यह घटकर 78% हो गई है। इसी अवधि में मुसलमानों की हिस्सेदारी 9.84% से बढ़कर 14.09% हो गई है।