Chhattisgarh : धान में 55 लाख रुपए का खेल ! गजब के ‘नटवरलाल’ निकले ये 3 प्रभारी…

By : hashtagu, Last Updated : October 27, 2024 | 3:08 pm

रायपुर। कहते हैं कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो सिस्टम को कैसे सुधारा जाय। छत्तीसगढ़ में मंगुली धान उपार्जन केंद्र (Manguli Paddy Procurement Center in Chhattisgarh) के तीन प्रभारियों ने 55 लाख रुपए (Three in-charges took Rs 55 lakh) का फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया है। इनकी पूरी पोल खुलने के बाद ये अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। जिले के तीन अलग-अलग धान खरीदी केन्द्रों में पचास लाख रुपए से अधिक का फर्जीवाड़ा करने वाले तीन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया है।

  • प्रकरण में ग्राम सिंघनपुरी धान उपार्जन केन्द्र के प्रभारी होरीलाल जायसवाल, पथरिया ग्राम जुनवानी के धान खरीदी केन्द्र प्रभारी भीखम वर्मा और ग्राम विचारपुर (शुक्लाभाठा) के धान खरीदी केन्द्र प्रभारी बेदप्रकाश गबेल के विरुद्ध संबंधित थाने में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।

ग्राम सिंघनपुरी धान उपार्जन केन्द्र में चालू सत्र 2023-2024 में कुल धान की खरीदी 68958.40 क्विंटल हुआ है, जिसमें से 59096.51 क्विंटल परिदान के बाद 9861.89 क्विंटल धान शेष होना था, लेकिन भौतिक सत्यापन में 9043.20 क्विंटल धान पाया गया है. इस तरह से कुल 818.69 क्विंटल धान 25,37,939 रुपए कम पाए जाने पर होरीलाल जायसवाल के विरूद्ध थाना लालपुर में अपराध पंजीबद्ध कार्रवाई की गई।

इसी तरह धान पथरिया ग्राम जुनवानी के धान खरीदी केन्द्र में चालू सत्र 2023-2024 में कुल धान की खरीदी 69797.60 क्विंटल हुआ है, जिसमें से 52331.32 क्विंटल की परिदान हुआ है तथा शेष 17466.28 क्विंटल होना था, जबकि भौतिक सत्यापन करने से 17109.30 क्विंटल धान बचा हुआ है. इस तरह से 11,04,158 रुपए का शेष 356.18 क्विंटल धान कम पाया गया।

  • वहीं ग्राम विचारपुर (शुक्लाभाठा) में चालू सत्र 2023-2024 में 604 क्विंटल मोटा धान कीमत 18,72,400 रुपए का फर्जीवाड़ा कर गबन करने का प्रयास किया गया है, इस पर बेदप्रकाश गबेल के विरूद्ध थाना पथरिया में अपराध अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की गई।

इस कार्रवाई में निरीक्षक रघुबीर चंद्रा थाना प्रभारी पथरिया ,निरीक्षक कार्तिकेश्वर जांगड़े थाना प्रभारी फास्टरपुर, निरीक्षक संजय सिंह राजपूत प्रभारी साइबर सेल/कोतवाली, उप निरीक्षक लक्ष्मण खूंटे थाना प्रभारी लालपुर, प्रधान आरक्षक लोकेश राजपूत, दयाल गवास्कर, यशवंत डाहिरे, मनोज ठाकुर, नोखे कुर्रे, आरक्षक अब्दुल रियाज़, महेन्द्र राजपूत, राजू साहू, राकेश बंजारे, गिरिराज परिहार, भेषज पाण्डेकर, टेकसिंह साहू एवं जितेन्द्र राजपूत का योगदान रहा।

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