छत्तीसगढ़ सरकार विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण से संबंधित विधेयक कर सकती है पेश

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अगले महीने बुलाये गये विशेष सत्र में राज्य सरकार द्वारा एक विधेयक पेश करने की संभावना है, जो विभिन्न वर्गों की आबादी के अनुपात में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में आरक्षण मुहैया करेगा।

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  • Publish Date - November 24, 2022 / 12:44 AM IST

रायपुर; छत्तीसगढ़ विधानसभा के अगले महीने बुलाये गये विशेष सत्र में राज्य सरकार द्वारा एक विधेयक पेश करने की संभावना है, जो विभिन्न वर्गों की आबादी के अनुपात में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में आरक्षण मुहैया करेगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान विधेयक के मसौदे पर चर्चा होने की संभावना है।

सरकारी सूत्रों ने ने बताया कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से संबंधित लोगों की गणना के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित ‘छत्तीसगढ़ क्वांटिफिएबल डेटा कमीशन (सीजीक्यूडीसी) ने 21 नवंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
सूत्रों ने बताया कि विधेयक का मसौदा आयोग की रिपोर्ट पर आधारित होगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद एक और दो दिसंबर को होने वाले विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दौरान यह विधेयक पेश किया जा सकता है।

अगस्त 2019 में राज्य मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम-1994 में संशोधन करने के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम संशोधन अध्यादेश, 2019 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया था।

इसके तहत मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का अनुमोदन किया था।

इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को भी मंजूरी दी गई थी, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया गया।