छत्तीसगढ़ सरकार का सख्त रुख: नक्सलियों से शांति वार्ता नहीं, देशविरोधी प्रोपेगेंडा करार

By : ira saxena, Last Updated : April 30, 2025 | 5:00 pm

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh government) ने नक्सलियों के साथ किसी भी प्रकार की शांति वार्ता से किनारा कर लिया है। राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि नक्सलवाद के खिलाफ चल रही कार्रवाई किसी भी परिस्थिति में थमेगी नहीं, और सरकार किसी भ्रम में नहीं है। उन्होंने शांति वार्ता के प्रस्ताव को देश विरोधी विचारधारा का हिस्सा बताते हुए खारिज कर दिया।

गृहमंत्री शर्मा ने सवाल उठाया कि जब छत्तीसगढ़ के आदिवासी नक्सल हिंसा में मारे जा रहे थे, तब किसी भी सामाजिक संगठन या बुद्धिजीवी वर्ग ने न तो आवाज उठाई और न ही किसी तरह की सहानुभूति जताई। लेकिन अब जब तेलंगाना के कुछ इलाकों में नक्सली दबाव में हैं, तो वार्ता की बातें शुरू हो गई हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब तेलंगाना क्षेत्र प्रभावित हो रहा है तब चिंता जताई जा रही है, पर बस्तर के खून पर चुप्पी क्यों?

तेलंगाना सीमा से लगे बीजापुर जिले की कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में बीते 9 दिनों से बड़े स्तर पर संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ, डीआरजी, ग्रेहाउंड्स और अन्य राज्य बलों की भागीदारी है। अब तक पांच नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें तीन महिला सदस्य भी शामिल हैं। यह ऑपरेशन रणनीतिक रूप से शीर्ष नक्सली नेताओं को निशाना बना रहा है।

शर्मा ने यह भी जोड़ा कि छत्तीसगढ़ में बीते वर्षों में चार सौ से अधिक नक्सली मारे गए, लेकिन तब न तो कोई वार्ता की पेशकश लेकर आया, और न ही किसी संगठन ने आगे बढ़कर शांति की बात की। आज जब नक्सली कमजोर हो रहे हैं, तभी बातचीत की बातें हो रही हैं, जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठते हैं।

उन्होंने दो टूक कहा कि जो लोग वार्ता का एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं, उनकी पहचान होनी चाहिए। “कौन हैं ये लोग जो नक्सलियों की ओर से बात करना चाहते हैं? क्या इनकी पृष्ठभूमि साफ है?” उन्होंने यह भी कहा कि नक्सली पहले ये स्पष्ट करें कि उनकी ओर से वार्ता में कौन शामिल होगा, तभी कोई चर्चा संभव है।

सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान में किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी। पूरा ध्यान नक्सल नेटवर्क को जड़ से खत्म करने पर है और शांति वार्ता का नाम लेकर किसी भी प्रकार के प्रचार को सरकार स्वीकार नहीं करेगी।