संरचनात्मक सुधारों से निवेशकों का भरोसा मजबूत, छत्तीसगढ़ में 7.83 लाख करोड़ के 219 निवेश प्रस्ताव, जमीनी क्रियान्वयन तेज

By : hashtagu, Last Updated : December 19, 2025 | 10:27 pm

रायपुर |  छत्तीसगढ़ में संरचनात्मक सुधारों (structural reforms) का असर अब साफ दिखाई देने लगा है। राज्य न केवल निवेश आकर्षित कर रहा है, बल्कि उन्हें तेजी से जमीन पर भी उतार रहा है। नवंबर 2024 से अब तक राज्य को 18 क्षेत्रों में कुल 7.83 लाख करोड़ रुपये के 219 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें सेमीकंडक्टर, एआई डेटा सेंटर, सीमेंट, बिजली और मैन्युफैक्चरिंग जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। इन परियोजनाओं के जरिए लगभग 1.5 लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है, जो राज्य में संतुलित विकास की दिशा में बड़ा संकेत है।

मंत्री लखन लाल देवांगन ने रायपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि अब निवेश केवल रायपुर तक सीमित नहीं रहा है। कुल निवेश प्रस्तावों में से 21 प्रतिशत आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में हैं, 33 प्रतिशत रायपुर संभाग में और 46 प्रतिशत बिलासपुर, दुर्ग और सरगुजा संभागों में फैले हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि निवेश राज्य के सभी क्षेत्रों तक पहुंच रहा है।

निवेश की क्षेत्रीय विविधता ने राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। लगभग 50 प्रतिशत निवेश प्राथमिक यानी थ्रस्ट क्षेत्रों जैसे सेमीकंडक्टर और एआई डेटा सेंटर पार्क में हैं, वहीं सीमेंट और बिजली जैसे पारंपरिक उद्योग भी मजबूत बने हुए हैं। कुल प्रस्तावों में 57 परियोजनाएं 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की हैं और 34 परियोजनाएं ऐसी हैं जिनसे 1,000 से ज्यादा रोजगार मिलेंगे।

असल बदलाव तेज क्रियान्वयन में दिखाई दे रहा है। 6,063 करोड़ रुपये की 9 बड़ी परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं, जिनसे उत्पादन आरंभ हो गया है और 5,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा 109 परियोजनाएं उन्नत चरण में हैं, जो या तो निर्माणाधीन हैं या भूमि आवंटन के बाद आगे बढ़ चुकी हैं। ये परियोजनाएं 24 जिलों और 16 क्षेत्रों में फैली हैं और इनके जरिए 87,132 रोजगार सृजित होंगे। इनमें से 58 प्रतिशत परियोजनाएं आतिथ्य एवं स्वास्थ्य, फूड प्रोसेसिंग, आईटी, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और फार्मा जैसे प्राथमिक क्षेत्रों से जुड़ी हैं।

प्रमुख परियोजनाएं इस रफ्तार को दर्शाती हैं। पोलिमेटेक की 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की सेमीकंडक्टर फैक्ट्री, जो छत्तीसगढ़ की पहली है, को मात्र 45 दिनों में भूमि आवंटित किया गया और काम तेजी से शुरू हुआ। रेकबैंक का 1,000 करोड़ रुपये का एआई डेटा सेंटर पार्क, जो देश का पहला है, लगभग पूरा होने वाला है। ड्रल्स का 625 करोड़ रुपये का पेट फूड विस्तार प्रोजेक्ट ट्रायल प्रोडक्शन में है, जिससे 3,000 रोजगार मिलेंगे। वी-राइज का तीसरा भारत कार्यालय, एक आईटी यूनिट, निर्माणाधीन है। अल्ट्राटेक सीमेंट का 1,600 करोड़ रुपये का निवेश शुरू हो चुका है। आदित्य बिड़ला समूह का 67.5 मेगावाट का सोलर प्लांट मई में शुरू हो गया है। वहीं बस्तर में रापपुर स्टोन क्लिनिक का 350 बेड का अस्पताल लगभग तैयार है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जो राज्य कभी मुख्य रूप से लौह और इस्पात के लिए जाना जाता था, वह अब सेमीकंडक्टर, एआई डेटा सेंटर पार्क, नवीकरणीय ऊर्जा, फूड प्रोसेसिंग और उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र बन रहा है। कंपनियां अब केवल निवेश का निर्णय नहीं ले रहीं, बल्कि तेजी से काम शुरू करना चाहती हैं। सरकार हर उद्यमी को आसान और पारदर्शी वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है।

मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि सुधारों ने विवेकाधिकार की जगह पारदर्शिता लाई है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। सरल प्रक्रियाओं और तेज क्रियान्वयन के कारण परियोजनाएं बड़े पैमाने पर जमीन पर उतर रही हैं। यह साबित करता है कि संवेदनशील शासन उद्योग को गति देता है।

वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने बताया कि विभाग का फोकस यह सुनिश्चित करना है कि निवेश प्रस्ताव के बाद निवेशकों की गति न रुके। तेज भूमि आवंटन, डिजिटल स्वीकृतियों और बेहतर समन्वय के कारण कंपनियां बिना देरी के निर्माण चरण तक पहुंच पा रही हैं।

इस तेज उछाल के पीछे कई बड़े सुधार हैं, जिनमें 132 स्वीकृतियों के लिए वन-क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम, जन विश्वास अधिनियम के तहत 279 छोटे अपराधों का अपराधमुक्तिकरण, स्वचालित भूमि म्यूटेशन, एफएआर और ग्राउंड कवरेज में वृद्धि, डिजिटल भूमि विवरण, लेआउट और भवन स्वीकृति के लिए एकीकृत सॉफ्टवेयर, 24×7 संचालन और विस्तारित फायर एनओसी शामिल हैं। इन सुधारों के चलते डीपीआईआईटी से राज्य को चार श्रेणियों में ‘टॉप अचीवर’ की मान्यता मिली है।

यह सभी पहल केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि गति, जवाबदेही और जमीनी परिणामों पर केंद्रित प्रशासनिक संस्कृति को दर्शाती हैं। निवेश की विविधता और क्रियान्वयन की रफ्तार यह साफ कर देती है कि छत्तीसगढ़ अब केवल निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा, बल्कि वास्तविक परियोजनाएं, वास्तविक रोजगार और वास्तविक बदलाव ला रहा है।