रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला (Liquor scam) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर की स्पेशल कोर्ट में करीब 29,800 पन्नों की अंतिम चार्जशीट पेश कर दी है। यह अब तक की सबसे बड़ी और विस्तृत चार्जशीट मानी जा रही है। शुक्रवार को दाखिल इस चार्जशीट में 59 नए आरोपियों को शामिल किया गया है, जिनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी रही सौम्या चौरसिया, निरंजन दास, एफएल-10 लाइसेंस धारक, डिस्टिलर्स और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं। इस मामले में अब कुल आरोपियों की संख्या 81 हो गई है। इससे पहले 22 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी थी।
ED की इस अंतिम चार्जशीट में पूर्व अधिकारी, कारोबारी, शराब सिंडिकेट से जुड़े लोग और कथित रूप से अवैध लाभ पहुंचाने वाले अन्य व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध वसूली, सरकारी तंत्र के दुरुपयोग और शराब कारोबार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों का विस्तार से जिक्र है। एजेंसी ने बैंक ट्रांजैक्शन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड, डिजिटल सबूत, संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और कई गवाहों के बयान कोर्ट में पेश किए हैं।
यह चार्जशीट सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत तय समयसीमा में दाखिल की गई है। अब अंतिम चार्जशीट पेश होने के बाद कोर्ट में ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले आरोप तय किए जाएंगे, इसके बाद गवाहों के बयान और सबूतों की सुनवाई होगी। कानूनी जानकारों का कहना है कि चार्जशीट के पन्नों की संख्या और आरोपियों की तादाद को देखते हुए यह मामला लंबा और जटिल साबित हो सकता है।
इससे पहले 22 दिसंबर को आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने भी शराब घोटाला मामले में रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ करीब 3800 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। यह इस केस में EOW की आठवीं चार्जशीट है। EOW का दावा है कि चैतन्य बघेल को इस घोटाले से 200 से 250 करोड़ रुपए की अवैध राशि मिली है। जांच एजेंसी के अनुसार, सिंडिकेट के जरिए की गई अवैध उगाही का एक बड़ा हिस्सा सीधे तौर पर चैतन्य बघेल से जुड़ा हुआ है और आबकारी विभाग में वसूली तंत्र खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका रही है।
वहीं ED ने 16 दिसंबर को इस मामले में सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था। एजेंसी के मुताबिक, पिछली सरकार के दौरान हुए कई घोटालों में पैसों के मैनेजमेंट में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। पप्पू बंसल उर्फ लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, तांत्रिक केके श्रीवास्तव और कारोबारी अनवर ढेबर के होटल मैनेजर दीपेन चावड़ा के बयानों के आधार पर ED ने यह कार्रवाई की। जांच में सौम्या चौरसिया, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर-चैतन्य बघेल के बीच हुई चैट्स से कई अहम सबूत मिलने का दावा किया गया है। ED का कहना है कि सौम्या शराब घोटाला नेटवर्क में को-ऑर्डिनेटर की भूमिका निभा रही थीं और उन्हें करीब 100 करोड़ रुपए की अवैध राशि मिलने की जानकारी सामने आई है।