Chhattisgarh : अब सरकारी अस्पताल में लगेंगे नकली दांत!

By : hashtagu, Last Updated : June 20, 2023 | 1:41 pm

छत्तीसगढ़। बिलासपुर के रतनपुर स्थित सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में अब दांत से संबंधित बीमारी के इलाज की सुविधा शुरू हो गई है। इससे अब क्षेत्र के मरीजों को नकली दांत (Fake teeth) लगवाने के लिए प्राइवेट अस्पताल जाकर पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने पहल शुरू करते हुए सुविधा दी है, जहां (नकली दांत (आर.पी.डी.) बनाकर मरीजों को लगाया जा रहा है। दांत दर्द से राहत दिलाने के अलावा यहां के डॉक्टर कृत्रिम दांत लगवाने तक की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।

सोमवार को रतनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 58 वर्ष की एक महिला मरीज का डेंचर (नकली दांत (आर.पी.डी.) लगाकर इसकी शुरुआत की। महिला मरीज 8 जून को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर में दांतों की समस्या लेकर दंत चिकित्सा विभाग में आई थी। यह महिला पहली मरीज हैं, जिन्हें रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र में डेंचर यानी नकली दांत बनाकर लगाया गया है। इसके पहले यह सुविधा पूरे जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं मिल रही थी। सीएमएचओ डॉक्टर राजेश शुक्ला के निर्देश पर केंद्र प्रभारी डॉ. अविनाश सिंह और दंत चिकित्सक डॉ. विक्रांत घोरे के संयुक्त प्रयास से यह इलाज अब रतनपुर क्षेत्र के मरीजों को उपलब्ध हो सकेगा।

प्राइवेट अस्पताल में 50 से 70 हजार लगता है खर्च

रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ अविनाश ने बताया कि डेन्चर इम्प्लांट निश्चित रूप से एक ऐसी तकनीक है जो दर्द रहित है और हमारे डेंटल विशेषज्ञ द्वारा आराम से की जाती है। प्राइवेट अस्पताल में इस प्रक्रिया के लिए मरीजों को अलग-अलग प्रकार के खर्च करने पड़ते हैं। अमूमन मरीज को 50 से 70 हजार रुपए तक खर्च करना पड़ता है। लेकिन, सरकारी अस्पताल में लैब के साथ अनुबंध कर नकली दांत बना कर स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजों को निशुल्क उपचार किया जा रहा है।

सरकारी अस्पतालों को किया जा रहा है दुरुस्त

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश शुक्ला का कहना है कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है। निजी अस्पतालों में मिलने वाली सारी सुविधाएं अब सरकारी अस्पतालों में भी उपलब्ध कराई जा रही है इसी के तहत रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अब डेंचर (नकली दांत (आर.पी.डी.) बनाकर मरीजों को लगाया जा रहा है। अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

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