रायपुर, 05 अगस्त 2024/ सर्वसाधारण, आयुष औषधि निर्माता (Ayush medicine manufacturer), विज्ञापनदाता, विज्ञापन एजेंसियों को भ्रामक विज्ञापन (Misleading advertisements to advertising agencies) पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता हितों की रक्षा करने के उदद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं।
संचालनालय आयुष छत्तीसगढ़ से इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य में भ्रामक विज्ञापन पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता हितों की रक्षा करने के उदद्देश्य से सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा 07 मई 2024 को आदेश पारित किया गया है, जिसके तहत विज्ञापन दाताओं, विज्ञापन एजेंसियों द्वारा अपने विज्ञापन के प्रसारण प्रकाशन से पहले स्व-घोषणा प्रस्तुत कर यह प्रमाणित किया जाएगा कि उसका विज्ञापन केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के तहत निर्धारित विज्ञापन कोड का उल्लंघन नहीं करता है।
सर्वाेच्च न्यायालय ने निर्देश जारी किए हैं कि किसी विज्ञापन के मुद्रित, प्रसारित, प्रदर्शित होने से पहले विज्ञापनदाता, विज्ञापन एजेंसी द्वारा निर्दिष्ट पोर्टल पर एक स्व-घोषणा प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें यह प्रमाणित किया जाएगा कि उसका विज्ञापन केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के तहत निर्धारित विज्ञापन कोड का उल्लंघन नहीं करता है। संबंधित प्रसारक, प्रिंटर, प्रकाशक, टीवी चैनल, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर अपलोड करने का प्रमाण जैसा भी मामला हो रिकार्ड के लिए रखा जाएगा।
सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी और रेडियो के लिए प्रसारण सेवा पोर्टल https:// new.broadcastseva.gov.in/digigov-portal-web-app/ और प्रिंट, डिजिटल, इंटरनेट मीडिया के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पोर्टल https:/www.presscouncil.nic.in/ पर एक नई सुविधा शुरू की है जिसके तहत विज्ञापन दाताओं, विज्ञापन एजेंसियों द्वारा अपने विज्ञापन के प्रसारण प्रकाशन से पहले अपलोड करने और स्वयं प्रमाण पत्र बनाने की सुविधा होगी। यह पोर्टल 04 जून 2024 से चालू है।
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