दिल्ली में छाया छत्तीसगढ़ का रंग, सुआ-पंथी नृत्य पर झूमे दर्शक

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ की गूंज सुनकर हर छत्तीसगढ़वासी गर्व महसूस करता है।

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  • Updated On - November 25, 2025 / 02:10 PM IST

नई दिल्ली: भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में सोमवार को 44वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ की लोक कला, संस्कृति और परंपराओं ने राजधानी का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में पारंपरिक लोक कलाकारों ने गौरा-गौरी, भोजली, राउत नाचा, सुआ नृत्य, पंथी और करमा नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां देकर मंच को जीवंत कर दिया। सुआ नृत्य की लय, राउत नाचा की जोशभरी ताल और पंथी नृत्य की आध्यात्मिक रंगत ने दर्शकों को देर तक बांधे रखा। पूरी शाम दर्शक तालियों से कलाकारों का उत्साह बढ़ाते रहे।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ की गूंज सुनकर हर छत्तीसगढ़वासी गर्व महसूस करता है। सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रायपुर में देश के पहले डिजिटल जनजातीय संग्रहालय के लोकार्पण का उल्लेख किया और इसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने वाला ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बस्तर पंडुम जैसे आयोजनों के माध्यम से लोक-संस्कृति को नई दिशा दे रही है।

कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, कमलेश जांगड़े, भोजराज नाग, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय, औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, पर्यटन मंडल की अध्यक्ष नीलू शर्मा, साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा, विधायक संपत अग्रवाल, प्रबोध मिंज, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, मुख्य सचिव विकास शील, पर्यटन सचिव रोहित यादव और सीएसआईडीसी के महाप्रबंधक विश्वेश कुमार उपस्थित रहे।

पूरी शाम छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक छटा और दर्शकों का उत्साह कार्यक्रम की खास पहचान बनकर रहा।