रायपुर। जशपुर में बर्फ जमने (Freezing of snow in jashpur) से करीब पांच हजार एकड़ में लगी टाऊ की फसल बर्बाद (Tau’s crop ruined) हो गई है। पाले की परत जमने से दाने खराब हो गए हैं। बीते कुछ दिनों से रोजाना खड़ी फसल के ऊपर सुबह के वक्त बर्फ की परत जम रही है। किसानों के मुताबिक इस साल करीब 35 करोड़ रुपए की टाऊ की फसल जिले के पठारी इलाके से निकलने को तैयार थी।
टाऊ मुख्य रूप से तिब्बत के पहाड़ी क्षेत्र की फसल है। छत्तीसगढ़ में केवल सरगुजा और जशपुर जिले में ही टाऊ की फसल ली जाती है। 1 एकड़ में 3-4 लाख रुपए के टाऊ की उपज हो सकती है। टाऊ की जानकारी कृषि विभाग को भी नहीं है कि वास्तव में टाऊ का क्या उपयोग है। वहीं मंडी की सही जानकारी किसानों को नहीं होने से बिचौलिए टाऊ फसल कटने के बाद किसानों से औने-पौने दामों में खरीद कर ले जाते हैं।
जशपुर की जलवायु टाऊ के लिए उपयुक्त है। टाऊ से एक किसान को प्रति एकड़ लगभग 10 हजार रुपए की आमदनी होती है। किसान टाऊ से अच्छा मुनाफा कमाते हैं। हर वर्ष जिले में टाऊ लगाने के लिए अब बड़ी संख्या में किसान आगे आने लगे हैं। इससे हर वर्ष रकबा में भी इजाफा हो रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के कारण आज (बुधवार) को नमी की मात्रा बढ़ेगी। इससे रायपुर समेत बस्तर संभाग में न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी। बस्तर में कहीं-कहीं पर हल्की बारिश भी होगी। बंगाल में बने इस सिस्टम के असर से सोमवार की तुलना में न्यूनतम तापमान मंगलवार को दो से तीन डिग्री तक बढ़ गया है।
यहां न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री और सामान्य से साढ़े चार डिग्री नीचे चला गया है। मंगलवार को रात का पारा 11.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो नॉर्मल से 1.1 डिग्री कम है। हालांकि 24 घंटे में करीब दो डिग्री की बढ़ोतरी हुई। इस वजह से मंगलवार काे कड़ाके की ठंड से थोड़ी राहत रही। आज भी रात का पारा 13 डिग्री के आस-पास रहने की संभावना है।
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